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Onion Export: देश में लोक सभा चुनाव जारी है. दो चरणों के चुनाव हो भी चुके हैं अभी चार चरणों का चुनाव होना है. इस बीच विपक्षी दलों ने महंगाई सहित कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार को घेर रखा है. इसी बीच केंद्र सरकार ने पिछले 5 महीने से प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. सरकार ने 6 पड़ोसी देशों को प्याज निर्यात करने की अनुमति दे दी है. इससे जहां एक ओर किसानों के चेहरे पर खुशी की झलक दिखाई दे रही है तो वहीं दूसरी ओर माना जा रहा है कि देश में प्याज की कीमतों में और उछाल होगा. वर्तमान में प्याज 30 से 50 रुपए किलो बिक रही है.
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार ने पिछले कई महीनों से प्याज के निर्यात पर इसीलिए पाबंदी लगाई थी ताकि देश में प्याज की कीमतों को कम रखा जा सके लेकिन शनिवार को सरकार ने छह पड़ोसी देशों (बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात) को 99,500 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दे दी है. हालांकि इससे मुख्य तौर पर महाराष्ट्र की फसल जुड़ी है. इससे पहले सरकार ने मध्य-पूर्व और कुछ यूरोपीय देशों को 2000 टन सफेद प्याज के निर्यात की भी इजाजत दी थी.
इन 6 पड़ोसी देशों में भेजा जाएगा प्याज
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि सरकार ने छह पड़ोसी देशों- बांग्लादेश, यूएई, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका को 99,150 टन प्याज के निर्यात की इजाजत दी है. इससे पहले केंद्र सरकार ने विशेष रूप से मध्य पूर्व और कुछ यूरोपीय देशों को 2,000 टन सफेद प्याज के निर्यात की भी अनुमति दी थी. वहीं लोकसभा चुनाव के बीच में आए सरकार के इस फैसले को देखते हुए माना जा रहा है कि सरकार किसानों को खुश करने के लिए यह प्रतिबंध हटा रही है.
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जानें क्यों लगी थी रोक ?
बता दें कि गत वर्ष की तुलना में 2023-24 में खरीफ और रबी की पैदावार कम होने के अनुमान के चलते पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्यात पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था. बीते साल प्याज का उत्पादन कम होने से घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ गई थीं. इसी के बाद सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि इस प्रतिबंध ने भारतीय किसानों को नुकसान पहुंचाया था. उन्हें अपनी फसल के लिए कम दाम मिले. सरकार ने उस वक्त बताया था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज की डिमांड बढ़ गई है, जिसके चलते यह प्रतिबंध लगाया गया है. हालांकि अब माना जा रहा है कि प्याज का निर्यात होने के कारण घरेलू बाजार में इसकी कीमतें और बढ़ सकती हैं. हालांकि, सरकार ने दावा किया है कि कोल्ड स्टोरेज के पायलट से प्याज के भंडारण में होने वाला नुकसान 10 प्रतिशत तक कम हुआ है. सरकार ने प्याज भंडारण तकनीक को बेहतर किया है. इसी कारण इस भंडारण क्षमता को 1,200 टन से बढ़ाकर 5,000 टन करने का फैसला किया है.
जानें कैसा रहेगा प्याज का उत्पादन?
बता दें कि कृषि मंत्रालय की ओर से पिछले महीने प्याज उत्पादन के आंकड़े जारी किए थे, जिसमें बताया गया था कि 2023-24 में प्याज की पैदावार करीब 254.73 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले साल 302.08 लाख टन थी. इसके अलावा मंत्रालय ने ये भी बताया था कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में प्याज का उत्पादन कम हुआ है, जो पैदावार में गिरावट की बड़ी वजह है.
क्या बोले भाजपा नेता?
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने प्याज के निर्यात को मिली अनुमति को लेकर कहा है कि विपक्ष, जो केंद्र के फैसले से नाखुश है, अब भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला करने के लिए एक मुद्दा खो चुका है. किसानों के मुद्दे कभी भी विपक्ष के लिए प्राथमिकता नहीं थे. तो वहीं केंद्रीय मंत्री और डिंडोरी से भाजपा उम्मीदवार भारती पवार ने कहा कि इस घोषणा से प्याज किसानों ने राहत की सांस ली है. वह आगे बोले कि मेरा मानना है कि यह किसानों को राहत देने के लिए सरकार का एक नया कदम है. वह बोले कि डिंडौरी में प्याज की खेती करने वाले मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है. तो वहीं नासिक भाजपा पदाधिकारियों ने इस बात को स्वीकार किया कि केंद्र की घोषणा डिंडोरी निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी के लिए एक बड़ी राहत देगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा नेताओं ने कहा कि इससे हमें प्याज किसानों को लुभाने में मदद मिलेगी, जो प्रतिबंध लगाए जाने के बाद असंतुष्ट थे.
-भारत एक्सप्रेस
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