Pawan Singh
Pawan Singh: देश में लोकसभा के पांच चरणों के तहत मतदान हो चुके हैं. इसी बीच खबर आ रही है कि भाजपा ने भोजपुरी एक्टर पवन सिंह को निष्कासित कर दिया है. पार्टी ने उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है. पवन सिंह बिहार की काराकाट संसदीय सीट से निर्दलीय ही चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं.
भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए की ओर से काराकाट संसदीय क्षेत्र से राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं, जिनका मुकाबला महागठबंधन के प्रत्याशी भाकपा माले के राजाराम सिंह से माना जा रहा है.
बिहार भाजपा ने भोजपुरी गायक पवन सिंह को NDA के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए निष्कासित कर दिया।
पवन सिंह ने पहले स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में काराकाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के अपने फैसले की घोषणा की थी। pic.twitter.com/W1FRlZfnsa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 22, 2024
माना जा रहा है कि भाजपा ने इसी वजह से उनके ऊपर ये बड़ी कार्रवाई की है. फिलहाल बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने आदेश जारी किया है और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण ये कार्रवाई किए जाने की बात कही है.
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आसनसोल से चुनाव लड़ने से मना किया था
पार्टी की ओर से जारी नोटिस में साफ तौर पर कहा गया है कि लोकसभा चुनाव में आप (पवन सिंह) एनडीए के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं. आपका यह कार्य दल विरोधी है, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है तथा पार्टी अनुशासन के विरुद्ध आपने यह कार्य किया है. अत: आपको दल विरोधी इस कार्य के लिए प्रदेश अध्यक्ष के आदेश पर पार्टी से निष्कासित किया जाता है.
अभिनेता पवन सिंह को भाजपा ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्होंने वहां से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. इसके बाद वे काराकाट क्षेत्र से बतौर निर्दलीय मैदान में उतरे थे.
पहले से ही तय था एक्शन
पवन सिंह के निर्दलीय मैदान में उतरने के बाद से ही यह एक्शन तय माना जा रहा था. इसके संकेत तब और मिले थे, जब रोहतास जिले के डेहरी ऑन सोन में बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री और भाजपा नेता डॉ. प्रेम कुमार ने पवन सिंह को लेकर एक बयान दिया था.
उन्होंने कहा था कि पवन सिंह लंबे समय तक बीजेपी में रहे हैं. अब अगर आपने निर्दलीय नामांकन किया है और समय रहते वे नाम वापस नहीं लेते हैं तो उन पर पार्टी आवश्यक कार्रवाई करेगी. प्रेम कुमार का ये बयान 14 मई को सामने आया था और नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 17 मई थी. तभी से ये बयान लगातार बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बना रहा और अब पवन सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
-भारत एक्सप्रेस