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वरुण धवन और जान्हवी कपूर की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘बवाल’ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर पिछले हफ्ते ही रिलीज हुई है. जिसे लेकर अब नया विवाद देखने को मिल रहा है. दरअसल, इस फिल्म में ऑशविट्ज़ के नरसंहार का एक सीन है जिसे लेकर दर्शकों के एक वर्ग ने फिल्म की आलोचना की है. एक यहूदी संगठन ने प्राइम वीडियो से फिल्म को हटाने की मांग की और एक खुला पत्र लिखकर ओटीटी प्लेटफॉर्म से ‘बवाल’ की स्ट्रीम पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया.
खबर के मुताबिक, नाजी नरसंहार के पीड़ितों की याद को समर्पित एक यहूदी मानवाधिकार संगठन साइमन विसेन्थल सेंटर ने प्राइम वीडियो से फिल्म ‘बावल’ को हटाने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, “अगर फिल्म के निर्माताओं का उद्देश्य कथित तौर पर नाजी मृत्यु शिविर में एक काल्पनिक दृश्य दिखाकर अपनी फिल्म के लिए पीआर हासिल करना था, तो वे इसमें सफल हो गए हैं. यही कारण है कि अब अमेज़ॅन प्राइम वीडियो को ‘बवाल’ की स्ट्रीमिंग पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. इसके अलावा फिल्म के उस डायलॉग पर भी आपत्ति जताई गई है जिसमें अभिनेत्री जाहन्वी कहती हैं, “हम सभी कुछ हद तक हिटलर की तरह हैं, है ना?”
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इस पत्र में उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के संदर्भों के इस्तेमाल की भी कड़ी निंदा की है. उनका कहना है कि इस फिल्म के जरिए फिल्म निर्माता नितेश ने हिटलर के नरसंहार शासन के हाथों मारे गए 6 लाख यहूदियों और पीड़ितों की स्मृति का अपमान किया है. वहीं फिल्म को लेकर मचे बवाल पर वरुण धवन ने कहा था कि, इसमें कुछ भी नया नहीं है, मेरी पहले भी कई फिल्मों को लेकर आलोचना हो चुकी है और मैं आलोचना का सम्मान करता हूं.
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