मनोज देसाई
Khuda Gawah Film: 90 का दशक बॉलीवुड के लिए खतरनाक समय था. इंडस्ट्री पर अंडरवर्ल्ड का खौफ मंडरा रहा था और जबरन वसूली के कॉल आना और यहां तक कि सेलेब्स पर गोलीबारी की घटनाएं भी आम थीं. लेकिन हाल ही में सुपरस्टार सलमान खान के आवास के बाहर गोलीबारी की घटना ने इन कड़वी यादों को ताजा कर दिया. मुंबई के गेयटी गैलेक्सी थिएटर के मालिक और मराठा मंदिर सिनेमा के कार्यकारी निदेशक, मनोज देसाई ने एक इंटरव्यू के दौरान इसके बारे में बात करते हुए पुरानी यादें ताजा कीं और खुलासा किया कि वह एक बार संगीत निर्देशक लक्ष्मीकांत के आवास पर भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से मिले थे.
मनोज देसाई ने दाऊद को जी कहकर किया संबोधित
एक इंटरव्यू में मनोज देसाई ने दाऊद इब्राहिम को दाऊद जी कहकर संबोधित किया. जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, तो मनोज देसाई ने जवाब देते हुए कहा, “मुझे उन्हें ‘जी’ कहकर संबोधित करना होगा. क्योंकि मराठा मंदिर प्रतिष्ठित सिंगल-स्क्रीन थिएटर मुंबई सेंट्रल में डोंगरी के नजदीक स्थित है, जहां गैंगस्टर बड़ा हुआ था.
मनोज देसाई ने कही ये बात
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह कभी दाऊद इब्राहिम से मिले थे, तो उन्होंने खुलासा किया, “मेरी फिल्म खुदा गवाह (1992) की रिलीज के दौरान मेरी उनसे मुलाकात हुई थी. लक्ष्मीकांत जी के घर पर मेरी उनसे 5 मिनट की मुलाकात हुई. वह खुदा गवाह देखकर खुश बहुत खुश हुए वह इस बात से भी खुश थे कि मैंने अमिताभ बच्चन को अफगानी पठान की भूमिका में लिया. मनोज देसाई ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि उन्होंने लक्ष्मीकांत जी के जन्मदिन पर भी कहा था कि ‘ हम खुदा गवाह दो बार देख चुके हैं और फिर भी जी नहीं भरा है.”
अमिताभ बच्चन की मां ने दी थी चेतावनी
मनोज देसाई ने बहुचर्चित फिल्म, खुदा गवाह का निर्माण किया , और यह अफगानिस्तान में शूट की गई एक दुर्लभ हिंदी फिल्म थी. मई 2022 में फिल्म की 30वीं वर्षगांठ के दौरान, निर्माता-प्रदर्शक ने पड़ोसी देश में शूटिंग पर बॉलीवुड हंगामा को विशेष रूप से बताया, “अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन जी ने मुझे चेतावनी दी थी कि ‘ ‘अगर मुन्ना को कुछ हुआ, और जया ने सफेद साड़ी पहनी तो तू वहां आत्महत्या करना. तेरी पत्नी भी सफेद साड़ी पहनेगी.’ ये चेतावनी थी तेजी बच्चन की.
श्रीदेवी की मां ने भी दी थी चेतावनी
यहां तक कि अभिनेत्री श्रीदेवी की मां ने भी चेतावनी दी थी कि ‘मनोज भाई, अगर श्री को कुछ हुआ, तो काबुल से वापस मत आना.’ तुम्हारा खून करवा दूंगी मैं इधर तो, आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितना जोखिम भरा था. हालाँकि, अमिताभ बच्चन शूटिंग के लिए एक प्रामाणिक स्थान चाहते थे.
-भारत एक्सप्रेस
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