Bharat Express

सुरों के सरताज नुसरत फतेह अली खान का आखिरी एल्बम रिलीज के लिए तैयार, इस तारीख को होगा Release

उस्ताद फतेह अली खान 600 साल से चली आ रही कव्वाल खानदान की परंपरा को तोड़ना चाहते थे, इसलिए वे नहीं चाहते थे कि उनका बेटा यानी कि नुसरत फतेह अली खान इस क्षेत्र में आए.

Nusrat Fateh Ali Khan

मशहूर कव्वाल दिवंगत नुसरत फतेह अली खान.

Nusrat Fateh Ali Khan: शहंशाह-ए- कव्वाल के नाम से मशहूर और लोगों के दिलों पर अपनी मधुर आवाज के जरिए राज करने वाले दिवंगत नुसरत फतेह अली खान के दुनियाभर में मौजूद प्रशंसकों के लिए एक अच्छी खबर है. दिलों को सुकून देने वाली नुसरत फतेह अली खान की आवाज एक बार फिर से गूंजने को तैयार है. 20 सितंबर को नुसरत फतेह अली खान का एक एल्बम ‘चेन ऑफ लाइट’ रिलीज होने जा रहा है. ये एल्बम ब्रिटिश संगीतकार पीटर गेब्रियल के रियल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के ऑर्काइव में मिला है. जिसे अब दुनिया के सामने लाने की तैयारी है.

20 सितंबर को रिलीज होगा एल्बम

बता दें कि नुसरत फतेह अली खान ने लेबल के साथ 1989 में अनुबंध किया था और 90 के दशक में लेबल के साथ मिलकर कव्वाली एल्बम की एक सीरीज जारी की थी. अब लेबल ने एक बार फिर से फैसला किया है कि वो इस एल्बम को 20 सितंबर को रिलीज करेंगे.

पीटर गेब्रियल ने क्या कहा?

लेबल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जानकारी देते हुए पीटर गेब्रियल ने कहा, मैंने दुनियाभर के तमाम संगीतकारों के साथ काम किया है, लेकिन उन सभी में सबसे महान गायक नुसरत फतेह अली खान ही रहे हैं. नुसरत फतेह अली खान अपनी आवाज के साथ पता नहीं ऐसा क्या करते थे कि उनकी आवाज इतनी सुरीली और लाजवाब थी.

यह भी पढ़ें- नाना पाटेकर भी थे कारगिल युद्ध का हिस्सा; दो महीने में कम हो गई थी हड्डी-पसली…आपबीती सुनकर दंग रह जाएंगे आप

पीटर गेब्रियल आगे बताते हैं कि “मुझे इस बात की बेहद खुशी और गर्व महसूस हो रहा है कि नुसरत फतेह अली खान की आवाज को पूरी दुनिया में फैले उनके चाहने वालों तक पहुंचा सकूंगा. जब इस बात की जानकारी मिली कि यह टेप हमारे आर्काइव में मौजूद है तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.”

पिता नहीं चाहते थे नुसरत बनें कव्वाल

नुसरत फतेह अली खान का जन्म पाकिस्तान के फैसलाबाद में हुआ था. उनका पूरा परिवार संगीत की दुनिया से जुड़ा हुआ था. नुसरत अली के पिता उस्ताद फतह अली खां थे, जो खुद एक मशहूर कव्वाल के तौर पर जाने जाते थे. उस्ताद फतेह अली खान 600 साल से चली आ रही खानदान की कव्वाल परंपरा को तोड़ना चाहते थे, इसलिए वे नहीं चाहते थे कि उनका बेटा यानी कि नुसरत फतेह अली खान इस क्षेत्र में आए. हालांकि नुसरत फतेह अली खान की आवाज और उनके अंदर के एक कव्वाल को उनके पिता पहचान चुके थे, इसलिए उन्होंने ज्यादा दबाव भी नहीं बनाया और नुसरत फतेह अली खान ने बेहद ही कम समय में लोगों के दिलों पर राज करने लगे थे. नुसरत फतेह अली खान की 1997 में हार्ट अटैक आने से मौत हो गई थी.

-भारत एक्सप्रेस

Bharat Express Live

Also Read

Latest