द केरल स्टोरी
The Kerala Story: सुप्रीम कोर्ट में ‘द केरल स्टोरी’ पर हुई सुनवाई के बाद आए फैसले से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में ‘द केरल स्टोरी’ की स्क्रीनिंग पर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान हटाने का आदेश दिया. कोर्ट ने साथ ही कहा कि फिल्म को मिले प्रमाण-पत्र को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय के लिये कार्यवाही से पहले वह ‘द केरल स्टोरी’ देखना चाहेगा.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच फिल्म को सीबीएफसी प्रमाणपत्र दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई करेगी. सीजेआई डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से प्रमाण-पत्र प्राप्त है और कानून-व्यवस्था बरकरार रखना प्रदेश सरकार का दायित्व है. बेंच ने कहा, “खराब फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलती हैं.”
इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, “कानून का इस्तेमाल सार्वजनिक असहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता है, वरना सभी फिल्मों को लेकर ऐसी ही स्थिति पैदा होगी.” इस बेंच में जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस जे.बी. पारदीवाला भी शामिल हैं. कोर्ट ने ‘द केरल स्टोरी’ के निर्माता से 20 मई को शाम पांच बजे तक फिल्म में 32,000 महिलाओं के इस्लाम में धर्मांतरण के आरोपों पर ‘डिस्क्लेमर’ लगाने को कहा.
ममता सरकार ने फिल्म पर लगाया था बैन
इसके पहले, ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर मचे बवाल के बीच सीएम ममता बनर्जी ने फिल्म को पश्चिम बंगाल में बैन करने का फैसला किया था. ‘The Kerala Story’ को बैन करने का ऐलान करते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि यह नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचने और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए है.
ये भी पढ़ें: पीएम मोदी के अमेरिका के दौरे को लेकर रोमांचित हैं US राजदूत एरिक गार्सेटी
फिल्म को बैन करने के फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था, “द कश्मीर फाइल्स” क्या है? यह एक वर्ग को अपमानित करना है. “द केरल स्टोरी” क्या है?… यह एक विकृत कहानी है.” वहीं ममता बनर्जी के इस फैसले पर बीजेपी ने आपत्ति जाहिर की थी.
-भारत एक्सप्रेस