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गुलशन कुमार: आम लोगों की नब्ज पहचानते थे ‘कैसेट किंग’, अंडरवर्ल्ड डॉन से भिड़े तो गंवाई थी जान

Gulshan Kumar Death Anniversary: एक घटना 12 अगस्त 1997 को हुई थी जब म्यूजिक इंडस्ट्री के बेताज बादशाह गुलशन कुमार की हत्या कुछ लोगों ने मंदिर के पास की थी.

Gulshan Kumar Death Anniversary

Gulshan Kumar Death Anniversary

Gulshan Kumar Death Anniversary: फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जो हैरान करने वाली रहीं. ऐसी ही एक घटना 12 अगस्त 1997 को हुई थी जब म्यूजिक इंडस्ट्री के बेताज बादशाह गुलशन कुमार की हत्या कुछ लोगों ने मंदिर के पास की थी. जैसा की सभी जानते हैं सपनों की नगरी मुंबई ने ही गुलशन कुमार को बुलंदियों तक पहुंचाया था, लेकिन उसी शहर में उनके जीवन का दुखद अंत भी हुआ. आज ही का वो दिन था जब गुलशन कुमार की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी.

ऐसे तय किया था सफलता का सफर (Gulshan Kumar Death Anniversary)

दिल्ली में 5 मई 1951 को पंजाबी हिंदू परिवार में जन्में गुलशन कुमार संघर्ष और मेहनत की सीढ़ी चढ़कर शिखर तक पहुंचे थे. दिल्ली के दरियागंज की गलियों में जूस का ठेला लगाने वाले गुलशन कुमार का मन ज्यादा दिन तक इस काम नहीं लग पाया था. उनके पिता चंद्रभान ने कैसेट्स बेचने का काम शुरू किया, बस यहीं से गुलशन कुमार का जीवन हमेशा के लिए बदल गया था. इसके बाद उन्होंने टी-सीरीज कंपनी की सफलता का बेमिसाल सफर तय किया.

इस फिल्म के गानों ने मचाया था धमाल

मुंबई पहुंचने के बाद गुलशन कुमार की किस्मत और जीवन दोनों में बदलाव आया. उन्होंने तकरीबन 15 से ज्यादा फिल्में प्रोड्यूस की जिनमें एक फिल्म ‘बेवफा सनम’ को उन्होंने डायरेक्ट भी किया था. उनकी पहली प्रोड्यूस की गई फिल्म 1989 में आई ‘लाल दुपट्टा मलमल का’ थी. लेकिन टी-सीरीज को देशभर में असली लोकप्रियता फिल्म ‘आशिकी’ (1990) से मिली थी. इस फिल्म के गानों के लाखों कैसेट्स रातों-रात बिक गए थे और फिल्म भी थिएटर में धमाल मचा रही थी। इस फिल्म ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे.

अंडरवर्ल्ड डॉन की पड़ी थी नजर (Gulshan Kumar Death Anniversary)

वो जितने बेहतरीन प्रोड्यूसर थे उतने ही अच्छे व्यक्ति भी थे. वो हर किसी से बड़े ही सम्मान और शालीनता से बात करते थे. इतनी बड़ी शख्सियत बनने के बाद भी गुलशन कुमार के अंदर बिल्कुल भी घमंड नहीं था. बताया जाता है कि गुलशन कुमार मां दुर्गा और भगवान शंकर के परम भक्त थे. वो अपनी कमाई का एक हिस्सा धर्म और जरूरतमंदों की सहायता में लगाया करते थे. उन्होंने अपना सफर पूरी मेहनत और ईमानदारी से तय किया था. साल 1993 में गुलशन कुमार हाई पेड टैक्स पेयर बन चुके थे, लेकिन कुछ लोगों के गले की फांस बन गए थे.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंडरवर्ल्ड की नजर गुलशन कुमार के पैसों पर पड़ गई थी. अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम ने गुलशन कुमार से 5 लाख रुपये की डिमांड की थी. गुलशन कुमार ने इससे साफ इनकार कर दिया था. अबु सलेम को ये बात नागवार गुजरी. उसने गुलशन कुमार को खत्म करने की योजना बनाई. इसके लिए अबु सलेम ने अपने शूटर राजा को संदेश भेजा. रिपोर्ट के मुताबिक रोज की तरह 12 अगस्त 1997 को भी गुलशन कुमार मुंबई के जीत नगर में महादेव के मंदिर दर्शन करने गए थे. मंदिर से लौटते समय गुलशन कुमार को शूटर राजा ने गोलियों से छलनी कर दिया. ऐसा कहा जाता है कि जब शूटर राजा ने गुलशन कुमार की हत्या की तो करीब 15 मिनट तक उसने अपना फोन ऑन रखा था, जिससे उनकी चीखें अंडरवर्ल्ड डॉन तक पहुंचती रहे.



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