Sachin Tendulkar Statue: क्रिकेट इतिहास के भगवान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलकर अपने होम ग्राउंड वानखेड़े स्टेडियम में खूब खेले हैं. सचिन ने अपना आखिरी मैच भी इसी वानखेड़े स्टेडियम में खेला था लेकिन क्या आपको पता है कि जब सचिन पहली बार वानखेड़े के अंदर गए थे, तो उस दौरान उन्होंने किसी से कोई इजाजत नहीं ली थी. सचिन ने इस राज को लेकर बताया है कि वो चोरी छिपे वानखेड़े में घुस गए थे.
सचिन तेंदुलकर की एक प्रतिमा मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में लगाई गई है. इसके अनावरण के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे. क्रिकेट जगत के दिग्गज सचिन के सम्मान में उनके होम ग्राउंड पर महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन ने यह प्रतिमा लगाई है. इस दौरान बातचीत करते हुए सचिन ने बताया है कि कैसे पहली बार उन्हें वानखेडे़ के अंदर जाने के लिए संघर्ष करना पड़ा था.
कैसे चोरी छिपे घुसे थे सचिन
सचिन तेंदुलकर ने बताया है कि वह 1983 में पहली बार इस वानखेड़े स्टेडियम में गए थे. उन्होंने बताया कि वो चोरी छिपे अंदर गए थे. उन्होंने बताया कि वे अपने भाई और बांद्रा हाउसिंग सोसाइटी के दोस्तों के साथ वानखेड़े पहुंचे थे. इसके लिए उन्होंने बांद्रा से चर्चगेट तक लोकल ट्रेन पकड़ी थी और सभी 25 लोग जाकर नॉर्थ स्टैंड में बैठे थे.
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वानखेडे़ की यादें हुई ताजा
सचिन ने बताया कि ग्रुप के पास 25 नहीं बल्कि 24 टिकट थे. उन्होंने कहा उनके बड़े भाई और दोस्तों ने उनसे भी चलने को कहा था और वो सभी जाकर नॉर्थ स्टैंड में जाकर बैठ गए थे. सचिन ने बताया कि 24 टिकट के बीच उन्हें उनके भाई और अन्य दोस्तों ने चोरी छिपे अंदर घुसाया था. सचिन ने इस दौरान वानखेड़े के साथ अपनी यादें शेयर की हैं.
-भारत एक्सप्रेस