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जाली दस्तावेज की मदद से बांग्लादेशियों के लिए पासपोर्ट बनवाने के आरोप में कोलकाता का ट्रैवल एजेंट गिरफ्तार

कोलकाता पुलिस ने रविवार (29 दिसंबर) को कहा कि उन्होंने बेहाला में एक ट्रैवल एजेंसी की आड़ में चल रहे पासपोर्ट धोखाधड़ी के एक प्रमुख को गिरफ्तार किया है, जिससे इस मामले में अब तक कुल गिरफ्तारियों की संख्या सात हो गई है.

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कोलकाता पुलिस ने रविवार (29 दिसंबर) को कहा कि उन्होंने बेहाला में एक ट्रैवल एजेंसी की आड़ में चल रहे पासपोर्ट धोखाधड़ी के एक प्रमुख को गिरफ्तार किया है, जिससे इस मामले में अब तक कुल गिरफ्तारियों की संख्या सात हो गई है.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “आज मनोज गुप्ता नामक एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जो पैसे के बदले नकली दस्तावेजों का उपयोग करके पासपोर्ट तैयार करने के रैकेट को नियंत्रित करने वाला मुख्य आरोपी है.”

रैकेट चलाने का आरोप

1984 में जन्मे मनोज गुप्ता को उत्तर 24 परगना के गायघाटा से गिरफ्तार किया गया. उस पर रैकेट चलाने का आरोप है. साखेरबाजार में गुप्ता की ट्रैवल एजेंसी कथित तौर पर उनकी अवैध गतिविधियों के लिए एक मुखौटा के रूप में काम करती थी, जिसमें वह लोगों को फर्जी दस्तावेज प्राप्त करने में सहायता करता था. पहले गिरफ्तार किए गए लोगों में दीपांकर दास उनकी एजेंसी का एक कर्मचारी था.

जांच में जाली दस्तावेजों के उपयोग का पता चला है, विशेष रूप से उत्तर 24 परगना के दत्तपुकुर में कदमगाछी ग्राम पंचायत से जुड़े, जहां लिस्टेड कई अड्रेस अस्तित्वहीन पाए गए. अधिकतर फर्जी दस्तावेज कदमगाछी ग्राम पंचायत के अंतर्गत तैयार किए गए थे.

बांग्लादेशियों को भारतीय पासपोर्ट दिेए गए

यह मामला क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. इसमें धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के आरोप शामिल हैं. इस घटना ने कोलकाता में पासपोर्ट सत्यापन प्रक्रिया की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है, क्योंकि पता चला है कि जाली दस्तावेजों के आधार पर बांग्लादेशी नागरिकों को 73 भारतीय पासपोर्ट जारी किए गए थे.


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-भारत एक्सप्रेस



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