(फोटो: X/@isro)
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि अगले दशक में भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था करीब 5 गुना बढ़कर 8.4 बिलियन डॉलर से करीब 44 बिलियन डॉलर हो जाएगी. इस सेक्टर में निवेश 2023 में ही 1,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर की प्लेयर बन गया है. भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र विदेशी मुद्रा कमाने वाले क्षेत्र के रूप में भी उभरा है.
स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट मिशन
विदेशी सैटेलाइट लॉन्च करने के साथ अर्जित 220 मिलियन यूरो में से 187 मिलियन यूरो पिछले 8 वर्षों में अर्जित किए गए हैं. इसरो की सेवाओं से लाभ पाने वालों में अमेरिका, फ्रांस, जापान और दूसरे देश शामिल हैं.
इसरो के स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (एसपीएडीएक्स) मिशन की सराहना करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि भारत को अंतरिक्ष डॉकिंग टेक्नोलॉजी में ग्लोबल लीडर के बराबर खड़ा करती है.
स्पैडएक्स मिशन इसरो द्वारा एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिसका उद्देश्य दो छोटी सैटेलाइट का इस्तेमाल कर स्पेसक्राफ्ट के डॉकिंग और अनडॉकिंग के लिए टेक्नोलॉजी का विकास और प्रदर्शन करना है.
स्पेस-बायोलॉजी में करेगा लीड
केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाताओं से कहा, ‘ये क्षमताएं सैटेलाइट सर्विस, स्पेस स्टेशन ऑपरेशन और इंटरप्लेनेटरी एक्सप्लोरेशन सहित भविष्य के मिशनों के लिए महत्वपूर्ण हैं.’ इस मिशन में डॉकिंग के बाद की गतिविधियां भी शामिल हैं, जिसमें स्पेसक्राफ्ट स्वतंत्र पेलोड ऑपरेशन संचालित करता है. डॉ. सिंह के अनुसार डॉकिंग 7 जनवरी दोपहर में होने की उम्मीद है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और इसरो के बीच सहयोग हुआ है. यह सहयोग स्पेस में बायोलॉजी एप्लीकेशन को एक्सप्लोर करने से जुड़ा है. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत स्पेस एनवायरमेंट में फिजियोलोजिकल बदलावों के बारे में स्टडी कर स्पेस-बायोलॉजी में लीड करेगा.’
निजी क्षेत्र की भागीदारी
2023 की नई अंतरिक्ष नीति ने इसरो की गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी की अनुमति दी. इस नीति के कारण अंतरिक्ष स्टार्टअप में उछाल आया है, जो 2021 में एकल अंकों की संख्या से बढ़कर 2023 में लगभग 300 हो गया है.
नोटेबल स्टार्टअप में अग्निकुल कॉसमॉस और स्काईरूट शामिल हैं. अग्निकुल कॉसमॉस ने इसरो परिसर में एक प्राइवेट लॉन्चपैड स्थापित किया. स्काईरूट ने भारत का पहला प्राइवेट सब-ऑरबिटल लॉन्च किया. डॉ. सिंह ने कहा, ‘ये स्टार्टअप इसरो के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहे हैं और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों का वैश्विक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं.’
आधा दर्जन बड़े प्रक्षेपणों की तैयारी
2025 इसरो के लिए एक व्यस्त और महत्वपूर्ण कैलेंडर वर्ष होने वाला है, क्योंकि केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार (31 दिसंबर) को घोषणा की कि नए साल की पहली छमाही में लॉन्च के लिए आधा दर्जन बड़े मिशन तैयार किए गए हैं, जिनमें गगनयान मानव मिशन के प्रस्तावना में एक महिला रोबोट को अंतरिक्ष में भेजना और दुनिया के सबसे महंगे भारत-अमेरिका सह-निर्मित पृथ्वी इमेजिंग उपग्रह, निसार को लॉन्च करना शामिल है.
2024 में भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों को सूचीबद्ध करने और आगामी प्रक्षेपणों के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान सिंह ने कहा कि इसरो सबसे पहले जनवरी में एक उन्नत नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-02 लॉन्च करेगा. जीएसएलवी लॉन्च इसरो के 100वें मिशन को चिह्नित करेगा. इसके बाद, इसरो मानव रहित गगनयान मिशन के हिस्से के रूप में इसरो द्वारा निर्मित एक महिला मानवरूपी व्योममित्रा को अंतरिक्ष में भेजेगा. यह मानवयुक्त मिशन की प्रस्तावना होगी और मनुष्यों को छोड़कर अंतिम मानवयुक्त मिशन के बिल्कुल समान होगी. मंत्री ने कहा, ‘व्योममित्रा मिशन में सब कुछ सही होने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.’
सबसे महंगा सैटेलाइट
उन्होंने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका संयुक्त मिशन नासा-इसरो एसएआर (निसार) सैटेलाइट, जिसे 12,505 करोड़ रुपये की लागत से दुनिया का सबसे महंगा सैटेलाइट माना जाता है, मार्च के आसपास लॉन्च किया जाएगा. मंत्री ने कहा, ‘यह सैटेलाइट हर 12 दिन में लगभग पूरी जमीन और बर्फ को स्कैन करेगा और इसका रिजोल्यूशन बहुत हाई होगा.’
सिंह ने यह भी कहा कि इसरो का जन्म 1969 में हुआ था, जब अमेरिका इंसानों को चांद पर भेजने में व्यस्त था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है, क्योंकि इसरो अमेरिकी सैटेलाइट लॉन्च कर रहा है. उन्होंने अमेरिकी ग्राहक के लिए सैटेलाइट के आगामी वाणिज्यिक लॉन्च का जिक्र किया, जिसका इस्तेमाल मोबाइल संचार के लिए किया जाएगा. मंत्री ने कहा, ‘हमारे पास एक अंतरराष्ट्रीय ग्राहक के लिए पहली तिमाही के लिए एलवीएम3-एम5 मिशन निर्धारित है. भारत फरवरी या मार्च तक अमेरिका के लिए सीधे मोबाइल संचार के लिए एक सैटेलाइट भी लॉन्च कर रहा है, जो हमारी विकसित होती क्षमताओं को दर्शाता है.’
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस
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