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सनातन धर्म विवाद मामला: उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट से फरवरी तक राहत, मुकदमों के ट्रांसफर की मांग पर सुनवाई जारी

सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन को निचली अदालत में पेशी से फरवरी तक छूट देते हुए, उनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर को जोड़ने की याचिका पर सभी पक्षों से जवाब मांगा है. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में उनके वकील को अनुच्छेद 32 के दुरुपयोग को लेकर फटकार लगाई थी.

DMK leader Udhayanidhi Stalin

DMK leader Udhayanidhi Stalin

सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान देने वाले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. कोर्ट ने स्टालिन को निचली अदालत में पेशी से दी गई छूट को फरवरी तक बढ़ा दिया है. साथ कोर्ट ने सभी पक्षों को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दे दिया है. सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले में फरवरी में अगली सुनवाई करेगी.

दर्ज मुकदमे को ट्रांसफर करने की मांग

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने स्टालिन के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा था कि उन्हें अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दाखिल करने के बजाय स्टालिन को सीआरपीसी की धारा 406 के तहत मुकदमा दायर करना चाहिए. जिसके बाद स्टालिन ने सुप्रीम कोर्ट में संशोधित याचिका दायर कर विभिन्न राज्यों में दर्ज मुकदमे को ट्रांसफर करने की मांग की है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और जम्मू कश्मीर में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग की है.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कही थी ये बात

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा था, कि आप अनुच्छेद 19(1)(A) का दुरुपयोग कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा था, अपने अनुच्छेद 25 के अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं. अब आप अनुच्छेद 32 के अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं? क्या आप नहीं जानते कि आपने जो कहा उसका क्या परिणाम हो सकता है. कोर्ट की इस बात पर स्टालिन के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि वह उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणियों से बिल्कुल भी सही नहीं ठहरा रहे हैं.

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सिंघवी ने कहा कि स्टालिन के खिलाफ 6 राज्यों में एफआईआर दर्ज है जिसका सामना कर रहे हैं. जिसपर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप आम आदमी नहीं हैं. आप एक मंत्री हैं. आपको ऐसे बयानों का परिणाम पता होना चाहिए.

स्टालिन के बेटे के बयान पर खड़ा हुआ था विवाद

बतादें कि पिछले साल सितंबर महीने में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से की थी. डीएमके नेता के इस बयान से न केवल एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया, बल्कि उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ कई आपराधिक शिकायतें भी दर्ज की गई और साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है.

-भारत एक्सप्रेस



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