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विदेश भेजने के नाम पर लोगों को लगाते थे चूना, IGI एयरपोर्ट पुलिस ने हैदराबाद से 3 जालसाजों को दबोचा, 10 दिनों में कुल 11 की हुई गिरफ्तारी

इसके बाद पुलिस ने सर्विलांस की मदद से आरोपी एंथोनी पैट्रिक के लोकेशन के बारे में जानकारी जुटाई. पुलिस ने सबस्टियन और पैट्रिक को सिकंदराबाद स्थित उनके ठिकाने से दबोच लिया.

igi airport

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

IGI Airport: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पुलिस ने लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले इमीग्रेशन रैकैट के तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है. विदेश भेजने के नाम पर ठगी को अंजाम देने वाले गिरोह को दबोचने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन के दौरान एयरपोर्ट पुलिस ने पिछले 10 दिनों में 8 जालसाजों को गिरफ्तार किया है जिनकी 7 विभिन्न मामलों में तलाश थी.

BOI कर्मचारियों की शिकायत पर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR नंबर 312/2021 यू/एस 420/468/471 (आईपीसी और 12 पीपी एक्ट) में आरोप लगाया गया था कि 21 नवंबर, 2021 को चार यात्रियों ने डिपार्चर क्लियरेंस इमीग्रेशन के लिए संपर्क किया था. वे कोलंबो (श्रीलंका) की यात्रा करना चाहते थे.

टाइप ‘डी’ चेक गणराज्य के वीजा के संदिग्ध पाए जाने पर इसकी जांच की गई तो वह फर्जी पाया गया. इसके बाद इमीग्रेशन अधिकारियों की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया और इसकी जांच शुरू कर दी गई. विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के भंडाफोड़ के लिए इंस्पेक्टर यशपाल सिंह के नेतृत्व में टीम गठित की गई और जालसाजों की तलाशी में छापेमारी शुरू कर दी गई. टीम ने कथित एजेंटों के तौर-तरीकों पर गौर किया और पता चला कि कथित आरोपी व्हाट्सएप नंबर 9912655815 और 7075689117 केवल टारगेट से संपर्क करने के लिए और उनकी जानकारी जुटाने के लिए इस्तेमाल करते थे.

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पुलिस ने सर्विलांस की मदद से पता किया लोकेशन

इसके बाद पुलिस ने सर्विलांस की मदद से आरोपी एंथोनी पैट्रिक के लोकेशन के बारे में जानकारी जुटाई. पुलिस ने सबस्टियन और पैट्रिक को सिकंदराबाद स्थित उनके ठिकाने से दबोच लिया. पूछताछ के दौरान, उन्होंने खुलासा किया कि वे पहले विदेश जाने और विदेश में बसने के इच्छुक परिवारों की जानकारी जुटाते थे. इसके बाद उनसे संपर्क किया जाता था और उनको विदेश में बसने का सुनहरा सपना दिखाया जाता था. इसके बाद जालसाज उनसे यात्रा और विदेश में सेटल करने के नाम पर 08 लाख रु वसूल करते थे.

जालसाज एंथोनी पैट्रिक एक स्थानीय चर्च में प्रचारक के रूप में काम करता था. एंथोनी और सबस्टियन उन यात्रियों के पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज एकत्र करते थे और उसके बाद फिर वीजा आदि के नाम पर कुछ और पैसे वसूलते थे. पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे अपने साथी डोमिनिक जोसेफ की मदद से यात्रियों के लिए वीजा स्टिकर का इंतजाम करते थे.

-भारत एक्सप्रेस

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