Bharat Express

18th Lok Sabha Begins: अपने तीसरे कार्यकाल में हम तीन गुना मेहनत करेंगे और तीन गुना परिणाम प्राप्त करेंगे- PM मोदी

प्रधानमंत्री ने देश की जनता को उनके समर्थन और लगातार तीसरी बार देश का नेतृत्व करने के लिए जनादेश देने के लिए धन्यवाद दिया.

पीएम मोदी

18 वीं लोकसभा का पहला सत्र आज सोमवार को शुरू हुआ. आज पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई प्रमुख नेताओं ने संसद सदस्य के रूप में शपथ लिया.

इससे पहले, नए संसद भवन के बाहर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई दी और कहा कि नई सरकार हमेशा सभी को साथ लेकर चलने और देश की सेवा के लिए आम सहमति बनाने का प्रयास करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरव मय है, यह वैभव का दिन है. आजादी के बाद पहली बार हमारे अपने नए संसद में यह शपथ हो रहा है, अब तक ये प्रक्रिया पुराने संसद में होती थी. आज के इस महत्वपूर्ण दिन पर मैं सभी नव निर्वाचित सांसदों का स्वागत करता हूं सबका अभिनंदन करता हूं और सबको शुभकामनाएं देता हूं.”

तीसरी बार जनादेश देने के लिए जनता का किया धन्यवाद

प्रधानमंत्री ने देश की जनता को उनके समर्थन और लगातार तीसरी बार देश का नेतृत्व करने के लिए जनादेश देने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, “संसद का यह गठन भारत के सामान्य मानवी के संकल्पों को पूरा करने के लिए है. यह नए जोश और उत्साह के साथ नई गति और नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने का अवसर है. 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य के साथ 18वीं लोकसभा आज शुरू हो रही है.”

पीएम मोदी ने धन्यवाद देते हुए कहा, “यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है कि दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव इतने भव्य और शानदार तरीके से संपन्न हुआ. 65 करोड़ से ज़्यादा मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया. अगर हमारे देश के नागरिकों ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार पर भरोसा किया है, तो इसका मतलब है कि उन्होंने सरकार की नीतियों और नीयत पर अपनी मुहर लगाई है. मैं आप सभी के समर्थन और भरोसे के लिए आभारी हूं.” उन्होंने आगे कहा कि “आज लोकसभा का नया सत्र शुरू हो रहा है, इसलिए वे सभी को साथ लेकर और संविधान की पवित्रता को बनाए रखते हुए फैसले लेने में तेजी लाना चाहते हैं.”

पीएम ने कहा कि देश की जनता ने हमें तीसरी बार अवसर दिया है. हमारी जिम्मेदारी तीन गुना बढ़ गई है. इसलिए मैं देशवासियों को भरोसा देता हूं कि अपने तीसरे कार्यकाल में हम तीन गुना मेहनत करेंगे और तीन गुना परिणाम प्राप्त करेंगे.

25 जून भारत के लोकतंत्र पर काला धब्बा

25 जून 1975 को देश में लागू किए गए आपातकाल की 21 महीने की अवधि को याद करते हुए पीएम मोदी नेकहा, “कल 25 जून हैं. जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा से समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है. कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं. भारत की नई पीढ़ी ये कभी नहीं भूलेगी की संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, भारत को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था.”

वहीं उन्होंने आगे कहा कि “इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था.”

सरकार चलाने के लिए बहुमत, लेकिन देश चलाने के लिए आम सहमति

प्रधानमंत्री ने सरकार और देश को लेकर अपने विचार भी व्यक्त किए. उन्होंने कहा, “पिछले 10 सालों में हमने हमेशा एक परंपरा को लागू करने की कोशिश की है क्योंकि हमारा मानना ​​है कि सरकार चलाने के लिए बहुमत की जरूरत होती है, लेकिन देश चलाने के लिए आम सहमति सबसे महत्वपूर्ण है. इसलिए, हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि हम मां भारती की सेवा करें और 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को सबकी सहमति से और सबको साथ लेकर पूरा करें. हम सबको साथ लेकर और संविधान की पवित्रता को बनाए रखते हुए आगे बढ़ना चाहते हैं और फैसले लेने की गति बढ़ाना चाहते हैं.”

इसे भी पढ़ें: सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल पहुंचा जम्मू, दो पनबिजली परियोनजाओं का करेगा निरीक्षण

एक मजबूत और जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन यह कहते हुए किया कि देश को उम्मीद है कि विपक्ष लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखेगा. उन्होंने कहा कि लोग नारे नहीं, बल्कि ठोस बातें चाहते हैं. उन्होंने कहा, “देश को उम्मीद है कि विपक्ष हमारे लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखेगा. संसद सत्र में लोग अपने प्रतिनिधियों से देश के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस और चर्चा करने की उम्मीद करते हैं. वे संसदीय कार्यवाही में व्यवधान या बाधा की उम्मीद नहीं करते हैं. लोग नारे नहीं, बल्कि ठोस बातें चाहते हैं. देश को एक मजबूत और जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है. मुझे यकीन है कि 18वीं लोकसभा में हम सब मिलकर अपने देश की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे.”

Bharat Express Live

Also Read