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कार्यक्रम मे अजीत डोभाल
सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 21वें अलंकरण समारोह का आयोजन रुस्तमजी मेमोरियल में हुआ, जिसमें सेना और सुरक्षा से जुड़े कई बड़े अधिकारी शामिल हुए. बीएसएफ अलंकरण समारोह और रुस्तमजी मेमोरियल व्याख्यान 2024 बीएसएफ अधिकारियों को उनके उत्कृष्ट योगदान और बहादुरी के लिए सम्मानित करने वाला एक कार्यक्रम है.
रुस्तमजी मेमोरियल व्याख्यान सीमा सुरक्षा और राष्ट्रीय रक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है. कार्यक्रम के दौरान बीएसएफ के देश की सुरक्षा को लेकर अब तक के योगदान पर चर्चा हुई.
10 सीमा प्रहरी सम्मानित
समारोह में बीएसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने कहा कि आज 10 बहादुर सीमा प्रहरियों को उनकी बहादुरी के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया जा रहा है. इनमें से 7 बहादुरों ने अपने जीवन का बलिदान दे दिया. उनके परिजन पदक प्राप्त करने के लिए यहां मौजूद हैं. मैं समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए सेवारत और सेवानिवृत्त सभी कर्मचारियों के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूं.
हथियारों का निर्यातक बना भारत
कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने भी भाग लिया और व्याख्यान दिया. डोभाल ने कहा कि अगर भारत की सीमाएं अधिक सुरक्षित और परिभाषित होतीं तो भारत बहुत तेजी से प्रगति करता. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमारे देश की शक्ति में भारी वृद्धि हुई है.
एनएसए डोभाल ने कहा, ‘आज भारत बदल रहा है, हम बदलते समय में जी रहे हैं. अगले 10 वर्षों में हमारा देश न केवल दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा, बल्कि दुनिया के सबसे उन्नत देशों और सैन्य शक्ति में भी शामिल होगा. देश आत्मनिर्भर होगा. अब तक हथियारों और उपकरणों का आयातक भारत, अब इसका प्रमुख निर्यातक बन गया है.’
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सीमाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
डोभाल ने देश की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर कहा कि मोदी सरकार ने हमारी सीमाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया है. इसका परिणाम आज दिखाई दे रहा है. प्रधानमंत्री हर दिवाली सुदूर सीमा पर बीएसएफ, आईटीबीपी और सेना के जवानों के साथ मनाते हैं. डोभाल ने सीमा से सटे 12 हजार गांवों के सर्वेक्षण के लिए भी पीएम मोदी को श्रेय दिया और कहा कि अगर सत्ता में बैठे बड़े नेता सीमाओं की गंभीरता और महत्व को समझते हैं, तो आधा काम अपने आप हो जाता है.
-भारत एक्सप्रेस