संजय राउत के बदले सुर
शिवसेना सांसद संजय राउत को लगभग तीन महीने जेल में रहने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को जमानत मिल गई है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाते हुए उनकी जमानत याचिका को मंजूरी कर दिया. संजय आउत अब जेल से बाहर आ गए हैं. जेल से बाहर आते ही संजय राउत कुछ बदले-बदले से नजर आ रहे हैं
राउत ने की देवेंद्र फडणवीस की तारीफ
जेल से बाहर आते ही संजय राउत के तेवर नरम पड़ गए है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि उनके दिए बयानों से ऐसा लग रहा है. दरअसल कल जब राउत बाहर आए तो उन्होंने मीडिया से बात करते हुए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की. राउत ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने कुछ अच्छे फैसले लिए हैं. मैं उनका स्वागत करूंगा. जहां पहले राउत फडणवीस के खिलाफ रहते थे और मौका मिलने पर उन पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे. अचानक से राउत के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है. ये ही नहीं राउत ने देवेंद्र फडणवीस से मिलने की इच्छा भी जताई है.
पीएम से भी मिलेंगे संजय राउत
संजय राउत ने पीएम मोदी और अमित शाह से मिलने की भी इच्छा जताई है.उन्होंने कहा कि वो दिल्ली भी जाकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि हमने ऐसा राजनीतिक प्रतिशोध कभी नहीं देखा. मैं किसी केंद्रीय एजेंसी को दोष नहीं दूंगा. जिन लोगों ने ये साजिश रची थी, अगर उनको ये कर के अच्छा लग रहा है तो मैं इसमें उनका सहभागी हूं.
क्या है पात्रा चॉल घोटाला
2007 से पात्रा चॉल जमीन घोटाले की शुरुआत हुई थी. मुंबई के गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर के 47 एकड़ में फैला हुआ रेजिडेंशियल एरिया है जहां लगभग 672 परिवार किराए पर रहते हैं. महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने HDIL की एक सहयोगी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को इस चॉल के लिए रीडिवेलपमेंट का कॉन्ट्रैक्ट दिया था. रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे. लेकिन 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए.आरोप है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने फ्लैट बनाने की बजाए 47 एकड़ जमीन को आठ अलग-अलग बिल्डरों को बेच दी थी. ईओडब्ल्यू ने फरवरी 2020 में प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर लिया था. बताया जाता है कि प्रवीण राउत, संजय राउत का करीबी है. वो एचडीआईएल में सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ कंपनी में निदेशक था.