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5000 करोड़ के ड्रग्स मामले में 5 आरोपी पुलिस रिमांड पर, अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट से जुड़े तार

गिरफ्तार लोगों पर आरोप है कि वे यह ड्रग्स दिल्ली एनसीआर से जुड़ी एक फार्मा कंपनी को सप्लाई करते थे. इसके बाद वह कंपनी इसे दिल्ली और अन्य स्थानों पर भेजती थी.

प्रतीकात्मक चित्र

गुजरात से जब्त 5000 करोड़ रुपये के ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किए गए 5 लोगों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने सभी पांचों आरोपियों को 19 अक्टूबर तक के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने गुजरात पुलिस के साथ मिलकर जॉइंट ऑपरेशन के दौरान 5000 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद की थी.

गिरफ्तार लोगों पर आरोप है कि वे यह ड्रग्स दिल्ली एनसीआर से जुड़ी एक फार्मा कंपनी को सप्लाई करते थे. इसके बाद वह कंपनी इसे दिल्ली और अन्य स्थानों पर भेजती थी. स्पेशल सेल की जांच में सामने आया है कि इस मामले में फार्मा कंपनी का मालिक और बिचौलिया भी शामिल हैं. आवकार ड्रग्स लिमिटेड कंपनी के परिसर से कुल 518 किलोग्राम ड्रग्स बरामद किया गया है.

इससे पहले, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में दो अन्य अभियानों में 762 किलोग्राम से ज्यादा कोकीन जब्त की थी. 1 अक्टूबर को दक्षिणी दिल्ली के महिपालपुर में 562 किलोग्राम कोकीन बरामद हुई थी, जबकि 10 अक्टूबर को रमेश नगर इलाके में छापेमारी के दौरान 200 किलोग्राम कोकीन बरामद की गई थी.

जांच में यह भी पता चला कि ये ड्रग्स “Pharma Solutions Services” नामक कंपनी से संबंधित हैं और इन्हें गुजरात स्थित आवकार ड्रग्स लिमिटेड से लाया गया था. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों से दुबई और यूके से संचालित एक कथित अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट के बारे में आगे की पूछताछ की जा रही है.

इस सिंडिकेट का मास्टरमाइंड वीरेंद्र बसोया है, जिसकी पहचान हो चुकी है. दुबई में उसके कई कारोबार चल रहे हैं. इस सिंडिकेट में बसोया के करीबी और मुख्य आरोपी तुषार गोयल भी शामिल हैं, जो 2022 में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की आरटीआई सेल का चेयरमैन रह चुका है.

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गोयल के सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भी “आरटीआई सेल चेयरमैन, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस” लिखा हुआ है. हालांकि, कांग्रेस ने एक बयान जारी कर गोयल के कांग्रेस से जुड़े होने के दावे का खंडन किया है. भारतीय युवा कांग्रेस ने दावा किया कि तुषार गोयल को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण 17 अक्टूबर 2022 को संगठन से निष्कासित कर दिया गया था और तब से वह पार्टी से किसी भी प्रकार से नहीं जुड़ा है.

वीरेंद्र बसोया और उसके बेटे पर आरोप है कि वे इस सिंडिकेट के लोगों को लॉजिस्टिक समर्थन मुहैया कराते थे, जिससे इस अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी के नेटवर्क का संचालन हो रहा था.

-भारत एक्सप्रेस

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