चित्रकूट गोलीकांड पर सुप्रीम कोर्ट का यूपी सरकार को नोटिस
चित्रकूट जेल गोली कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है .नोटिस में बताया गया है कि 14 मई 2021 चित्रकूट जेल के लिये एक बेहद खौफनाक दिन था, उस दिन पूरे 50 राउंड गोलियों की तड़तड़ाहट से जेल गूंज उठी थी. जेल के अंदर कैदियों के दो गुट आपस में भिड़ गए थे.
जेल के अंदर चलीं थीं 50 राउंड गोलियां
गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच कैदियों के बीच भारी खूनखराबा हुआ. जेल के अंदर कैदियों के दो गुट आपस में भिड़ गए थे. आपसी भिड़ंत में मुकीम काला और मेराज अली की शार्प शूटर अंशु दीक्षित ने हत्या कर दी थी. पुलिस ने हत्यारे अंशु को भी मुठभेड़ में ढेर कर दिया था. जेल के अंदर लगातार दो घंटे तक गोलियां चलीं थीं. पूर्वांचल के माफिया विधायक मुख्तार अंसारी के रिश्ते में मारा गया मेराज अली भांजा बताया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट में मामले की जांच चल रही है.
गौरतलब है कि UP में एनकाउंटर को बढ़ावा देने पर रोक लगाने के लिये मांग को लेकर याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुये UP सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि विधानसभा में ही नेता कहते हैं ‘अपराधी ठोंक दिए जाएंगे’ (आरोपी को गोली मार दी जाएगी). उन्होंने बताया कि अपराधियों का कहना है कि उन्हें मार दिया जाएगा.
UP सरकार की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने जवाब में कहा कि जांच आयोग अधिनियम के तहत एक न्यायाधीश की नियुक्ति की गई और विधानसभा को पूरी रिपोर्ट पेश हुई है. जेल अधिकारियों को दोषी पाया गया था उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है. CJI ने बताया कि अदालत नोटिस जारी कर चुकी है जिसका 31 अक्टूबर तक राज्य सरकार जवाब दे.
मामले की सुनवाई
इस कांड के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मामले की जांच CBI या NIA से कराने की मांग हुई थी. इसके साथ ही PIL में कहा गया था कि 2017 में नई सरकार के गठन के बाद एनकाउंटर बढ़ गए हैं. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की वकील अनूप प्रकाश अवस्थी ने इसमें कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि 18 मार्च 2017 से अब तक हुईं सभी हत्याओं की जांच NIA या एनआईए करे. याचिका में आरोप लगाया गया था कि CM योगी आदित्यनाथ खुले तौर पर एनकाउंटर और गैर न्याय्यिक हत्याओं का समर्थन कर रहे हैं.