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Kerala Sexual Abuse Case: जिला स्तरीय एथलीट से 5 साल से हो रहा था यौन शोषण, 62 लोगों पर है आरोप, जानें ये खौफनाक मामला

Kerala Sexual Abuse Case: कथित घटना तब सामने आई जब केरल महिला समाख्या सोसाइटी के स्वयंसेवकों ने एक रैंडम फील्ड विजिट के दौरान जिला स्तरीय एथलीट लड़की से मुलाकात की. तब उसने हाल के वर्षों में अपने कड़वे अनुभवों को शेयर किया.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: सोशल मीडिया)

Kerala Sexual Abuse Case: केरल में एक युवती के यौन शोषण का खौफनाक मामला सामने आया है. मामला पथनमथिट्टा जिले का है. 18 वर्षीय एक दलित युवती ने पिछले पांच वर्षों में लगभग 62 लोगों द्वारा उसका यौन शोषण करने का आरोप लगाया है. इसके बाद पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया है.

पथनमथिट्टा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) वीजी विनोद कुमार के अनुसार, दो पुलिस थानों में मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘एक मामले में हमने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरे मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. विवरण की पुष्टि के बाद और मामले दर्ज किए जाएंगे. एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) जांच का नेतृत्व कर रहे हैं.’

13 साल की उम्र से यौन शोषण

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कथित घटना तब सामने आई जब केरल महिला समाख्या सोसाइटी के स्वयंसेवकों ने एक रैंडम फील्ड विजिट के दौरान जिला स्तरीय एथलीट लड़की से मुलाकात की. तब उसने हाल के वर्षों में अपने कड़वे अनुभवों को शेयर किया, जिसके बाद स्वयंसेवकों ने जिला बाल कल्याण समिति (CWC) को सूचित किया.

पथनमथिट्टा सीडब्ल्यूसी के प्रमुख अधिवक्ता एन. राजीव ने कहा कि मामला 15 दिन पहले समिति के समक्ष आया था. उन्होंने कहा, ‘मैंने लड़की से कहा कि वह अपनी मां के साथ समिति के समक्ष रिपोर्ट करे. उसे परामर्श दिया गया और उसने एक मनोवैज्ञानिक के सामने खुलकर बताया कि वह 13 साल की उम्र से यौन शोषण का सामना कर रही है.’

शराबी पिता के फोन की जांच

उन्होंने कहा कि लड़की के परिवार को पिछले कई सालों से कथित यौन शोषण के बारे में पता नहीं था. उन्होंने कहा, ‘उसने अपनी मां से कुछ भी शेयर नहीं किया था. चूंकि लड़की जिला स्तर की एथलीट है, इसलिए वह पिछले कई सालों से विभिन्न खेल शिविरों में भाग ले रही है. हो सकता है कि इसी स्थिति ने यौन शोषण की इस श्रृंखला को बढ़ावा दिया हो.’ राजीव ने कहा, ‘उसने अपने शराबी पिता के मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया. अधिकांश अपराधियों की पहचान मोबाइल फोन में मौजूद संपर्कों की सूची से की गई. इसमें कई नंबर सेव पाए गए.’

उन्होंने कहा, ‘निर्भया योजना के मनोवैज्ञानिकों ने उसके दावों की विश्वसनीयता का पता लगाने के लिए उससे बात की है. उन्होंने कथित दुर्व्यवहारियों के नाम जानने के लिए उसके पिता के मोबाइल फोन की भी जांच की. जांच आगे बढ़ने पर और लोगों के शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.’ उन्होंने कहा, ‘लड़की को उसकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीडब्ल्यूसी के तहत आश्रय गृह में भेज दिया गया है.’

-भारत एक्सप्रेस



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