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भारतीय नौसेना को अडानी डिफेंस ने दृष्टि-10 ड्रोन की दूसरी खेप सौंपी, यह देश का इकलौता ऑल-वेदर मिलिट्री प्लेटफॉर्म

दृष्टि-10 स्टारलाइनर ड्रोन भारतीय रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता, इनोवेशन, और भारत के समुद्री सुरक्षा हितों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. अडानी डिफेंस और भारतीय नौसेना के बीच सहयोग देश की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत कर रहा है.

दृष्टि-10 ड्रोन

दृष्टि-10 ड्रोन

Drishti-10 Starliner surveillance Drone: अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने भारतीय नौसेना को अपनी दृष्टि-10 स्टारलाइनर सर्विलांस ड्रोन की दूसरी यूनिट सौंप दी है, जिससे भारत की समुद्री ताकतों की क्षमता में वृद्धि हुई है और समुद्री मार्गों पर निगरानी रखने तथा समुद्री लुटेरों (पायरेसी) के खतरे से निपटने में मदद मिलेगी.

अडानी डिफेंस द्वारा निर्मित दृष्टि-10 स्टारलाइनर ड्रोन, जो इजराइल के Hermes 900 UAV का वर्जन है, भारतीय नौसेना के समुद्री संचालन में शामिल किया गया है. इस ड्रोन की परिचालन शुरुआत गुजरात के पोरबंदर में की गई है. दृष्टि-10 एक एडवांस इंटेलीजेंस, सर्विलांस और टोही (ISR) प्‍लेटफॉर्म है, जिसमें 36 घंटे तक की उड़ान क्षमता और 450 किलोग्राम तक की पेलोड कैपेसिटी है.

यह ड्रोन भारत का इकलौता ऑल वेदर मिलिट्री प्लेटफॉर्म है, जिसे NATO के STANAG 4671 प्रमाणन के साथ आंतरिक्ष उड़ान के लिए मान्यता प्राप्त है.

दृष्टि-10 ड्रोन: एक आधुनिक सर्विलांस प्‍लेटफॉर्म

दृष्टि-10 ड्रोन भारतीय नौसेना को समुद्र में विशाल क्षेत्रों की निगरानी करने और समुंदर के पार स्थिति की जानकारी हासिल करने की क्षमता प्रदान करता है. इसके सतत निगरानी क्षमता और सैटकॉम-आधारित संचालन से नौसेना के पास अधिक सामरिक दक्षता और गहरी सटीकता से समुद्र की निगरानी करने की क्षमता होगी. यह उपकरण भारतीय नौसेना को समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद और पायरेसी के खतरे से निपटने में एक बड़ी मदद करेगा.

रक्षा आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम

अडानी डिफेंस द्वारा भारतीय सेना और नौसेना को दृष्टि-10 ड्रोन की आपूर्ति भारत के स्वदेशी रक्षा तकनीकी क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह न केवल एक सफल रक्षा परियोजना है, बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाने वाला प्रतीक भी है. महज तीन वर्षों में, अडानी डिफेंस ने वह हासिल किया है, जो आमतौर पर पांच से छह साल में किया जाता है, और दोनों सेनाओं को MALE UAVs की सप्‍लाई की है.

भविष्य में समुद्री निगरानी के लिए नए आयाम

हाल ही में पोरबंदर बेस पर भारतीय नौसेना के सहायक प्रमुख, रियर एडमिरल जनक बेवली ने दृष्टि-10 के ऑपरेशंस की समीक्षा की और अडानी डिफेंस टीम के साथ बातचीत की. इस परियोजना के साथ भारत एक नई दिशा में अग्रसर है, जो भारतीय नौसेना के सामरिक सामर्थ्य को बढ़ाने और भारतीय रक्षा क्षेत्र की स्वतंत्रता की ओर एक और कदम बढ़ा रहा है.

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  • भारत एक्सप्रेस


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