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Adipurush Controversy: “रामायण-कुरान-गीता को तो बख्श दीजिए,” आदिपुरुष फिल्म को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देशक-लेखक को लगायी कड़ी फटकार

रिलीज के साथ ही संवाद और दृश्यों को लेकर फिल्म विवादों में घिर गई है. अधिवक्ता कुलदीप तिवारी ने इलाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में इसके खिलाफ याचिका दाखिल की थी, जिस पर 26 जून को भी सुनवाई हुई थी.

adipurush collection

आदिपुरुष

Adipurush Controversy: रिलीज के साथ ही संवाद और दृश्यों को लेकर विवाद के घेरे में खड़ी भगवान राम पर बनी फिल्म “आदिपुरुष” को लेकर अब हाईकोर्ट ने भी लेखक और निर्देशक के साथ ही केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को कड़ी फटकार लगाई है और कहा है कि कम से कम धर्म ग्रंथों को तो छोड़ दें. इस फिल्म के कई संवादों और दृश्यों को लेकर सोशल मीडिया पर विरोध जताया जा रहा है. इसी बीच अधिवक्ता कुलदीप तिवारी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की थी. बता दें कि इस फिल्म को रिलीज हुए करीब 10 दिन हो गए हैं लेकिन विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है.

मीडिया सूत्रों के मुताबिक सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई हुई थी. इसी दौरान हाई कोर्ट ने फिल्म आदिपुरुष में विवादित शब्दों व दृश्यों को लेकर फिल्म मेकर्स के साथ ही केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को जमकर खरी-खोटी सुनाई थी. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को इस फिल्म में विवादित शब्दों को मंजूरी देने के लिए कड़ी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने यहां तक कह दिया था कि “कम से कम रामायण, पवित्र कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो बख्श दीजिए.”

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हाई कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार

प्रभास स्टारर ‘आदिपुरुष’ फिल्म ओम राउत के निर्देशन में बनी है. इस फिल्म के खिलाफ हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में अधिवक्ता कुलदीप तिवारी ने याचिका दाखिल की थी, जिस पर 26 जून को सुनवाई हुई थी. हालांकि इस पर 27 जून को भी सुनवाई होनी है, लेकिन 26 जून को ही सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने फिल्म मेकर्स को जमकर कड़ी फटकार लगाई थी. इस सम्बंध में याचिकाकर्ता ने बयान जारी करते हुए मीडिया को जानकारी दी कि, आदिपुरुष को लेकर हमारी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की बेंच ने सेंसर बोर्ड और फिल्म के मेकर्स को फटकार लगाई है. आगे उन्होंने बताया कि, कोर्ट ने सेंसर बोर्ड की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अश्विनी सिंह से पूछा कि सेंसर बोर्ड क्या करता है? उन्होंने ये भी बताया कि हाईकोर्ट ने कहा कि, सिनेमा समाज का दर्पण होता है. क्या सेंसर बोर्ड को अपनी जिम्मेदारियां नहीं पता है?

27 जून को फिर से होगी सुनवाई

याचिकाकर्ता ने आगे बताया कि, कोर्ट ने यह भी कहा कि केवल रामायण ही नहीं बल्कि कुरान, गुरू ग्रंथ साहिब और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों तो कम से कम बख्श दीजिए. इसी के साथ जानकारी दी कि, अब इस मामले में 27 जून को दोबारा सुनवाई होगी. मालूम हो कि आदिपुरुष के तमाम संवाद ऐसे हैं, जिसकी वजह से सनातन धर्म को मानने वालों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है. इसी पर लोग सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक आपत्ति जता रहे हैं और लगातार फिल्म को बंद करने की मांग की जा रही है. हालांकि विरोध देख कर फिल्म मेकर्स ने इसके संवाद बदल दिए हैं, लेकिन इससे भी कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है. लोग लगातार फिल्म को थियेटर से हटाने की मांग कर रहे हैं तो वहीं फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी है. जानकारी के मुताबिक 600 करोड़ के बजट में बनी यह फिल्म अब तक 277 करोड़ के आसपास ही कमाई कर सकी है. फिल्म में प्रभास के अलावा सैफ अली खान, कृति सेनन, सनी सिंह और देवदत्त नागे मुख्य भूमिकाओं में हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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