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गोंडा रेल हादसे के बाद उठी कवच सिस्टम लगाने की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

Gonda Train Accident: याचिका में रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में विशेषज्ञ कमेटी बनाकर पूरे देश में रेल यात्रियों के जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है.

Caption: Gonda: Several coaches of the Chandigarh-Dibrugarh express train derailed in Gonda on Thursday, July 18, 2024. (IANS)

(प्रतीकात्मक तस्वीर: IANS)

Gonda Train Accident: ट्रेन हादसे को रोकने के लिए सुरक्षा कवच सिस्टम लगाने की मांग को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में भारतीय रेल यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर कवच सिस्टम लगाने की मांग की गई है. साथ ही रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में विशेषज्ञ कमेटी बनाकर पूरे देश मव रेल यात्रियों के जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है. गोंडा रेल हादसे के बाद कवच सिस्टम की मांग उठने लगी है. चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस गुरुवार को गोंडा के करीब हादसे का शिकार हो गई. इस हादसे में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है.

कवच सुरक्षा की मांग वाली याचिका का पहले हो चुका है निपटारा

बता दें कि अप्रैल 2024 में सुप्रीम कोर्ट कवच सुरक्षा की मांग वाली याचिका का निपटारा कर दिया था. उस समय रेलवे ने अदालत में कहा था कि वो कवच सिस्टम को लागू करने को लेकर कदम उठा रहे हैं. याचिका में ओडिसा के बाद हुई रेल दुर्घटनाओं और यात्रियों की जान माल का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर की गई है. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में आश्वासन के बावजूद रेलवे कि ओर से कवच सिस्टम लागू करने और यात्रियों कि जानमाल के मद्देनजर कदम उठाने में देरी को याचिका में आधार बनाया गया है.

कवच से रुक सकती है ट्रेनों की टक्कर

कवच सिस्टम को लेकर जून में निपटायी गई याचिका का हवाला देते हुए समान मुद्दे पर दाखिल याचिका पर जल्द सुनवाई कर उचित आदेश जारी करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई है. बता दें कि भारतीय रेलवे की सुरक्षा को लेकर कवच एक स्वदेशी तकनीकि विकसित की गई है. इसे डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन ने भारतीय उद्योग के सहयोग से तैयार किया है. इसे ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम कहा जाता है. कवच के माध्यम से दो ट्रेनों की टक्कर रोका जा सकता है.

मव कवच सिस्टम को स्थापित करने की तैयारी

ट्रेन का ड्राइवर अगर किसी कारण से ट्रेन को कंट्रोल नहीं कर पाता है तो ये सिस्टम अपने आप काम करता है और ट्रेन ब्रेकिंग सिस्टम को चालू कर देता है. इसका मार्च 2022 को सफल परीक्षण किया गया. गौरतलब है कि कवच सिस्टम को अब तक दक्षिण मध्य रेलवे पर 1465 किलोमीटर और 139 लोकोमोटिव पर लगाया गया है. इसमें इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रेक भी शामिल है. दिल्ली- मुंबई और दिल्ली हावड़ा कॉरिडोर मव कवच सिस्टम को स्थापित करने की तैयारी है. इसे स्थापित करने को लेकर 5 सब-सिस्टम की आवश्यकता है.

-भारत एक्सप्रेस



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