अग्नि प्राइम मिसाइल
Agni-Prime Missile: भारत ने नयी पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि प्राइम’ का गुरुवार को ओडिशा तट के एक द्वीप से सफल परीक्षण किया. इसे अग्नि-पी नाम से भी जाना जाता है. अग्नि सीरीज की नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल से सेना की ताकत और भी बढ़ेगी.
अधिकारियों ने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तट से ‘अग्नि प्राइम’ का सफल परीक्षण किया और इस दौरान, यह मिसाइल सभी मानकों पर खरी उतरी. अधिकारियों के मुताबिक, विकास चरण में ‘अग्नि प्राइम’ के तीन सफल परीक्षण के बाद यह मिसाइल को सशस्त्र बलों में शामिल किए जाने से पूर्व इसका पहला रात्रि परीक्षण था, जिसने इसकी सटीकता और विश्वसनीयता पर मुहर लगाई. वहीं इस मिसाइल के परीक्षण के पहले पूरे इलाके को नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया गया था.
उन्होंने बताया कि अलग-अलग जगहों पर क्षैतिज दूरी नापने वाले उपकरण, जैसे कि राडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम सहित दो जहाज तैनात किए गए थे, ताकि मिसाइल के पूरे सफर के आंकड़े एकत्रित किए जा सकें.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई
डीआरडीओ और रणनीतिक बल कमान के शीर्ष अधिकारी ‘अग्नि प्राइम’ के सफल परीक्षण के गवाह बने, जिसने इन मिसाइल को सशस्त्र बलों में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त किया. ‘अग्नि प्राइम’ के सफल परीक्षण के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को बधाई दी.
क्या है इस मिसाइल की रेंज
इस मिसाइल की रेंज एक से दो हजार किलोमीटर तक है और इस पर मल्टीपल इंडेपेंडटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) वॉरहेड भी लगा सकते हैं. यानी एक ही मिसाइल से कई टारगेट पर निशाना साधा जा सकता है. खास बात यह है कि ये मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है. यह दो स्टेज के रॉकेट मोटर पर चलने वाली मिसाइल है. अग्नि प्राइम का वजन इसके पिछले वर्जन की तुलना में कम है और इसकी लंबाई 34.5 फीट है.
-भारत एक्सप्रेस
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