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पंचायती राज मंत्रालय जमीनी स्तर पर ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए भाषिणी से जुड़ेगा

पंचायती राज मंत्रालय और भाषिणी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर cutting-edge AI तकनीक को पंचायती शासन में शामिल किया गया है. इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत को उसकी मातृभाषा में योजना और शासन से जोड़ना और बहुभाषी डिजिटल पहुंच को सशक्त बनाना है.

Bhashini AI
Edited by Akansha

पंचायती राज मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत नेशनल लैंग्वेज ट्रांसलेशन मिशन, भाषिणी के साथ एक समझौता ज्ञापन के जरिए एक महत्वपूर्ण सहयोग को औपचारिक रूप देगा. इसका उद्देश्य पंचायती राज शासन में अधिक समावेशिता और बेहतर पहुंच के लिए कटिंग-एज एआई-पावर्ड लैंग्वेज टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना है.

समझौता ज्ञापन पर किए जाएंगे हस्ताक्षर

राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को केंद्रीय पंचायती राज और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल की मौजूदगी में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. यह पहल पंचायती राज मंत्रालय के डिजिटल प्लेटफॉर्म और आउटरीच प्रयासों में बहुभाषी पहुंच का विस्तार करने के लिए एक रणनीतिक सहयोग है. इस पहल के साथ पंचायती राज पहलों, कार्यक्रमों, संवादों और लाइव कार्यक्रमों में एडवांस्ड ट्रांसलेशन टेक्नोलॉजी के जरिए सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ाया जा सकेगा.

यह मंत्रालय के प्लेटफार्मों को निर्बाध रूप से बहुभाषी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हितधारकों विशेषकर निर्वाचित प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और ग्रामीण भारत के नागरिकों को अपनी मूल भाषाओं में योजना और शासन प्रणालियों तक पहुंच बनाने में सशक्त बनाया जा सके.

पंचायती राज मंत्रालय का बयान

पंचायती राज मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ, साझेदारी पंचायती राज मंत्रालय के प्रमुख पोर्टलों और प्लेटफार्मों पर भाषा पहुंच को बढ़ाएगी, साथ ही पंचायती राज संस्थानों को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर भागीदारी लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एआई-इनेबल्ड पब्लिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा.”

DIBD और CRIS का सहयोग

इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, ईग्रामस्वराज के साथ भाषिणी के इंटीग्रेशन को प्रदर्शित करने वाला एक विशेष रूप से क्यूरेट किया गया डिजिटल लॉन्च वीडियो भी जारी किया जाएगा. इस महीने की शुरुआत में, डिजिटल इंडिया भाषिणी डिवीजन (डीआईबीडी) और सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (सीआरआईएस) ने प्रमुख पब्लिक-फेसिंग रेलवे प्लेटफार्मों पर बहुभाषी एआई समाधानों के विकास और तैनाती पर सहयोग किया.

साझेदारी का उद्देश्य

इस साझेदारी का उद्देश्य भाषिणी के स्टेट-ऑफ-द-आर्ट लैंग्वेज टेक्नोलॉजी स्टैक को नेशनल ट्रेन इनक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) और रेल मदद जैसे सीआरआईएस-मैनेज्ड सिस्टम में इंटीग्रेट करना है. इससे नागरिकों को 22 भारतीय भाषाओं में महत्वपूर्ण रेलवे सेवाओं तक पहुंच प्राप्त करने में मदद मिलेगी. भाषिणी के स्टेट-ऑफ-द-आर्ट लैंग्वेज टेक्नोलॉजी स्टैक में ऑटोमैटिक स्पीच रिकॉग्निशन (एएसआर), टेक्स्ट-टू-टेक्स्ट ट्रांसलेशन, टेक्स्ट-टू-स्पीच (टीटीएस) और ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) शामिल है.

-भारत एक्सपेस


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