
12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया का एक प्लेन क्रैश हो गया था, जिसमें 270 लोगों की जान चली गई. विमान में 242 यात्री थे, जिनमें से सिर्फ एक की जान बच गई थी. प्लेन एक मेडिकल हॉस्टल के ऊपर गिर गया था जिससे वहां पर मौजूद और 29 लोगों की मौत हो गई थी.
अब इस हादसे को लेकर मुआवजे पर विवाद खड़ा हो गया है. ब्रिटेन की कानूनी फर्म Stewarts जो 40 से ज्यादा पीड़ित परिवारों का केस लड़ रही है उसने एयर इंडिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं. फर्म के वकील पीटर नीनन का कहना है कि एयर इंडिया मुआवजा देने से पहले परिवारों से ऐसी वित्तीय जानकारी मांग रही है, जिससे उनका हक कम हो सकता है. उन्होंने इसे अनैतिक और अपमानजनक बताया है और कहा कि एयर इंडिया इस तरह करीब 1,050 करोड़ रुपये बचाना चाहती है.
एयर इंडिया ने आरोपों को खारिज किया
नीनन ने अपने क्लाइंट्स को सलाह दी है कि वे एयर इंडिया का फॉर्म न भरें और कानूनी रास्ता अपनाएं. वहीं, एयर इंडिया ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि फॉर्म भरना जरूरी नहीं है और इसका मकसद सिर्फ सही व्यक्ति तक भुगतान पहुंचाना है. यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानूनी जांच की मांग तक पहुंच गया है.
प्लेन में कुल 230 लोग थे सवार
12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी. इस प्लेन में कुल 230 यात्री सवार थे. इनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडा का नागरिक शामिल था. यात्रियों में 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात थे. इसके अलावा प्लेन में 12 क्रू मेंबर भी थे, यानी कुल 242 लोग सवार थे. इस दर्दनाक हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया, जो इस फ्लाइट से लंदन जा रहे थे. यह हादसा देश और विदेश दोनों के लिए बहुत बड़ा झटका साबित हुआ.
-भारत एक्सप्रेस
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