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UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले ‘INDIA’ गठबंधन से दूर होते दिखे अखिलेश…? कांग्रेस पर लगाया ये बड़ा आरोप

Lok Sabha Election 2024: अखिलेश ने दावा किया है कि, पीडीए ही एनडीए का मुकाबला करेगा और जो भाजपा ने पिछले वादे किए हैं कि किसानों की आय दोगुनी होना, युवाओं के लिए रोजगार मिलना, आज कम से कम इन्हें बताना चाहिए.

Akhilesh yadav and rahul Gandhi

अखिलेश यादव और राहुल गांधी (फाइल फोटो)

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव-2024 को कुछ ही महीने शेष रह गए हैं, लेकिन अभी तक इंडिया गठबंधन ने सीटों व अन्य कई फैसलों को लेकर तस्वीर साफ नहीं की है. ऐसे में उत्तर प्रदेश को लेकर गठबंधन का क्या रुख होगा, अभी स्पष्ट नहीं हो सका है. तो इसी बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) द्वारा ऐसा बयान दिया गया है, जिससे इंडिया गठबंधन से उनका मोह भंग होने के कयास लगाए जा रहे हैं.

बता दें कि आजमगढ़ दौरे पर पहुंचे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर पत्रकारों से खुलकर बात की और दावा किया कि चुनाव में पीडीए का फ़ॉर्मूला ही एनडीए को हरा सकता है. फिलहाल अपनी पूरी बातचीत के दौरान उन्होंने एक बार भी इंडिया गठबंधन का ज़िक्र नहीं किया और न ही उसके बारे में कोई राय रखी. ऐसे में माना जा रहा है कि, कहीं न कहीं अखिलेश अब इंडिया गठबंधन से दूर होते दिखाई दे रहे हैं. पत्रकारों से बात करत हुए सपा प्रमुख ने कहा कि “पीडीए ही एनडीए का मुकाबला करेगा और जो भाजपा ने पिछले वादे किए हैं कि किसानों की आय दोगुनी होना, युवाओं के लिए रोजगार मिलना, आज कम से कम इन्हें बताना चाहिए कि इन्होंने इतने लोगों को नौकरी दी है. इतने लोगों को रोज़गार मिल गया है.” इसी के साथ ही भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि,” सामाजिक न्याय बिना जातीय जनगणना के संभव नहीं है. कुछ लोग सब कुछ पा रहे हैं. आज वाइस चांसलर की नियुक्ति में किन्हें मौका मिल रहा है, कौन है वो लोग जो वाइस चांसलर नियुक्त कर रहे हैं. सरकार के पास कोई जवाब नहीं है.”

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कांग्रेस पर लगाया आरोप

फिलहाल अखिलेश यादव मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से लगातार कांग्रेस पर हमला बोलते आ रहे हैं, लेकिन माना जा रहा था कि लोक सभा चुनाव से पहले उनकी ये तल्खी खत्म हो जाएगी, लेकिन फिलहाल ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है. उन्होंने एक बार फिर से कांग्रेस पर हमला बोला है और कांग्रेस पर जातीय जनगणना का मुद्दा हड़पने तक का आरोप लगाया है. इसी के साथ ही अखिलेश ने ये भी कहा कि जातीय जनगणना, ओबीसी के मुद्दे और महिलाओं के मुद्दों को उन्होंने उठाया था लेकिन कांग्रेस हमारे मुद्दों को अपना बना रही है.

अखिलेश नहीं चाहते बसपा शामिल हो इंडिया गठबंधन में

बता दें कि जहां एक ओर यूपी में सत्तारूढ़ दल भाजपा का मुकाबला करने लिए बसपा को इंडिया गठबंधन में शामिल करने की चर्चा कर रही है तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में वह भी इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकती हैं. इसको लेकर कांग्रेस और बसपा में बात चल रही है. तो दूसरी ओर अखिलेश यादव नहीं चाहते कि बसपा इंडिया गठबंधन में शामिल हो. दरअसल सपा का मानना है कि बसपा के आने से उनकी सीटों पर दावेदारी कम हो जाएगी, वहीं कई सपा नेता ये भी मानते हैं कि बसपा अपना वोट दूसरे दलों के पक्ष में नहीं कर पाती हैं. हालांकि 2019 चुनाव में भी ऐसा ही देखने को मिला था, जब बसपा को तो गठबंधन का फ़ायदा हुआ लेकिन सपा की सीटें नहीं बढ़ पाई थीं. फिलहाल मायावती ने किसी भी गठबंधन में न शामिल होने को लेकर स्पष्ट बयान दिया है.

-भारत एक्सप्रेस

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