सपा प्रमुख अखिलेश यादव
Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण में विपक्षी एकता में दरार पड़ता दिख रहा है. वो भी उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में, जिसके लिए कहते हैं कि दिल्ली में सत्ता का रास्ता यूपी से ही निकलता है. 3 जनवरी को शुरू होने वाली इस यात्रा से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बीएसपी की सुप्रीमो मायावती और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी दूरी बनाते दिख रहे हैं.
कांग्रेस पार्टी की ओर से गाजियाबाद से शुरू हो रही भारत जोड़ो यात्रा के लिए तीनों दलों को न्योता भेजा गया था, लेकिन तीनों नेताओं में से किसी ने अभी तक सहमति नहीं दी है. जयंत चौधरी ने पहले से कार्यक्रम तय होने की बात कही है.
हमें न्योता नहीं मिला, कांग्रेस-BJP दोनों एक- अखिलेश
इस बीच अखिलेश यादव से जब पत्रकारों ने भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का सवाल किया तो उन्होंने साफ कर दिया कि वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं होंगे. अखिलेश ने कहा कि मुझे कोई निमंत्रण नहीं मिला है, हमारी विचारधारा अलग है, बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक है. जबकि मायावती की ओर से अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है. हालांकि कांग्रेस के नेताओं को अभी भी भरोसा है कि तीनों नेता राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होंगे.
भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दूसरे चरण को शुरू होने में बस कुछ दिन बचा है. अखिलेश, मायावती और जयंत ने इस यात्रा में शामिल होने की हामी नहीं भरी है. ऐसे में सवाल है कि क्या 2024 से पहले ही विपक्ष की मोदी के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश नाकाम हो गई? क्या विपक्षी एकता सिर्फ कहने के लिए रह गया है.
राहुल गांधी की इस यात्रा (Bharat Jodo Yatra) का उद्देश्य लोगों के बीच जाकर कांग्रेस के खोए हुए जनाधार को वापस लाना है. साथ ही विपक्षी दलों को एक साथ एक मंच पर लाने की कोशिश है. क्योंकि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को पता है कि मोदी के खिलाफ वो अकेले कुछ नहीं कर पाएगी. इसीलिए विपक्षी एकता पर जोर दिया जा रहा है.
ये भी पढ़ें : Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने 113 बार सुरक्षा के नियमों का किया उल्लंघन- कांग्रेस की चिठ्ठी पर CRPF का जवाब
राहुल गांधी के मंच पर सभी दलों को साथ लाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन कांग्रेस की इस कोशिश को फिलहाल कहीं न कहीं झटका लगता दिख रहा है.
-भारत एक्सप्रेस