सपा प्रमुख अखिलेश यादव.
UP Politics: उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी विधायकों को 11 फ़रवरी को अयोध्या चलने के लिए आमंत्रित किया है. सभी विधायक बस के जरिए अयोध्या जाएंगे और रामलला के दर्शन करेंगे. इस खास अवसर के लिए विधायकों को अपनी पत्नी या पति को भी साथ ले जाने के लिए कहा गया है. हालांकि अयोध्या ले जाने का प्रस्ताव समाजवादी पार्टी के विधायक की ओर से ही आया था. विधायक राकेश प्रताप सिंह ने स्पीकर को पत्र लिखकर अयोध्या ले चलने की माँग की थी, लेकिन अब इस मामले में सपा में फूट दिखाई दे रही है क्योंकि कुछ विधायक भाजपा के साथ जाना चाहते हैं तो कुछ अलग व्यवस्था से. इसी के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होने कहा है कि, हम सब अलग व्यवस्था कर जायेंगे. उन्होंने कहा जब भगवान बुलाते हैं तभी दर्शन होता है. इसके बावजूद पार्टी के कुछ विधायक अयोध्या जाने की तैयारी करने लगे.
हालांकि अयोध्या मामले में सपा में फूट दिखाई दे रही है. जहां पहले ही राम मंदिर उद्घाटन पर अखिलेश के न जाने की वजह से वह प्रदेश के बड़े वर्ग के गुस्से का सामना कर रहे हैं तो दूसरी ओर अब उनकी ही पार्टी के लोगों के अलग विचार दिखाई दे रहे हैं. विधानसभा में सरकार की तरफ़ से राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव आया. कहा गया कि सदन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का धन्यवाद करती है. तो वहीं सपा के 14 विधायकों को छोड़कर सपा के चौदह विधायकों को छोड़ कर बाक़ी ने इसका समर्थन कर दिया था. इसके बाद अखिलेश उस वक्त बंगले झांकने लग गए जब चौदह में से भी एक विधायक स्वामी ओमवेश भी पलट गए और हमेशा भगवे ड्रेस में रहने वाले स्वामी ने कहा वे तो भगवान राम के उपासक हैं फिर कैसे विरोध कर सकते हैं.
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बाद में अयोध्या जाएंगे सपा विधायक
अयोध्या जाने को लेकर फिर से फजीहत न हो जाए, इसको लेकर अखिलेश यादव ने पार्टी के सीनियर विधायकों की बैठक बुलाई है. माता प्रसाद पांडे, मनोज पांडे, शिवपाल यादव, लाल जी वर्मा, राम अचल राजभर और ओम प्रकाश सिंह जैसे नेता इस बैठक में शामिल हुए और फिर कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या में राम मंदिर बना है. इसका क्रेडिट भाजपा को क्यों मिले! इसी के साथ ही बैठक में कहा गया कि, उनके निमंत्रण पर हम क्यों अयोध्या जायें. साथ ही सपा की बैठक में किसी भी विधायक को 11 फरवरी को अयोध्या जाने के लिए मना किया गया है और कहा गया है कि, अपनी सुविधा के हिसाब से जा सकते हैं. भगवान राम सबके हैं और उनमें हम सबकी आस्था है. हम सब बाद में जाएंगे. भाजपा इस पर लगातार राजनीति कर रही है.
-भारत एक्सप्रेस