अफजाल अंसारी (फाइल फोटो)
Afzal Ansari: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने गैंगस्टर के एक मामले में पूर्व सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हालांकि कोर्ट ने गाजीपुर की एमपी-एमएलए अदालत के निर्णय के खिलाफ अंसारी की अपील पर जमानत मंजूर कर ली है. गाजीपुर की विशेष अदालत ने अफजाल अंसारी को इस मामले में दोषी करार देते हुए चार साल के कारावास की सजा सुनाई थी और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
जस्टिस राजबीर सिंह ने इस मामले में यह आदेश पारित किया जिसके बाद अफजाल की सांसदी बहाल नहीं होगी. अफजाल अंसारी के वकील ने दलील दी कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में कथित संलिप्तता के आधार पर अंसारी पर गैंगस्टर लगाया गया था और उस मामले में अंसारी को बरी कर दिया गया है, इसलिए अब कुछ बचा नहीं है. हालांकि, राज्य सरकार की ओर से इस पर आपत्ति की गई. वहीं दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने अफजाल की जमानत मंजूर कर दी लेकिन सजा को बरकरार रखा.
एमपी-एमएलए कोर्ट ने चार साल की सुनाई थी सजा
इस मामले में अदालत ने अपना निर्णय 12 जुलाई, 2023 को सुरक्षित रख लिया था. बता दें कि गाजीपुर की विशेष अदालत ने 29 अप्रैल, 2023 को अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी को 2007 के गैंगस्टर मामले में दोषी करार दिया था. कोर्ट ने अफजाल को चार साल और मुख्तार अंसारी को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई थी. निचली अदालत के निर्णय के बाद अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता समाप्त हो गई थी. वहीं मुख्तार अंसारी साल 2006 से ही जेल में बंद है.
जमानत के बावजूद नहीं होगी रिहाई
हालांकि गाजीपुर जेल में बंद अफजाल अंसारी की रिहाई नहीं हो सकेगी क्योंकि अन्य मामलों में मुख्तार के भाई को जमानत नहीं मिली है. अफजाल ने हाई कोर्ट में अर्जी देकर जमानत की गुहार लगाई थी, साथ ही निचली अदालत के सजा के फैसले पर रोक लगाने की मांग भी की थी.
-भारत एक्सप्रेस