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मथुरा कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद मामला; इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की

श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़ी सभी 18 याचिकाओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई योग्य नही माना था.

Shri Krishna Janmabhoomi

श्रीकृष्ण जन्मभूमि (शाही ईदगाह) परिसर

Mathura Krishna Janmabhoomi-Idgah Dispute: मथुरा कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कैविएट दायर कर कहा है कि अगर मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट में आए तो हिन्दू पक्ष को सुने बिना सुप्रीम कोर्ट एकतरफ़ा आदेश ना दे. इससे पहले हिन्दू सेना ने कैविएट दायर की थी.

बता दें कि श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़ी सभी 18 याचिकाओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई योग्य नही माना था. हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल 18 याचिकाओं में मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को श्री कृष्ण जन्म स्थान बताकर उसे हिंदुओ को सौपे जाने की मांग की गई है. विवादित परिसर में हिंदुओं को पूजा अर्चना की अनुमति दिए जाने की मांग की गई थी. विवादित परिसर का अयोध्या के राम मंदिर और वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर सर्वेक्षण कराये जाने की मांग की गई है.

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बता दें कि इस विवाद की शुरुआत हिंदू पक्ष की ओर से दायर मूल मुकदमे से हुई, जिसमें दावा किया गया कि मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि पर बनाई गई थी. सभी 18 मुकदमों में एक ही प्रार्थना है जिसमें मथुरा में कटरा केशव देव मंदिर के साथ 13.37 एकड़ के परिसर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है. दावा किया गया कि इस दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए कई संकेत थे कि शाही-ईदगाह मस्जिद वास्तव में एक हिंदू मंदिर है. पिछले साल 14 दिसंबर बको हाइकोर्ट ने हिंदू देवता भगवान श्री कृष्ण विराजमान और 7 अन्य हिंदू पक्षों की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद के निरीक्षण के लिए कोर्ट कमिश्नर बाकी नियुक्ति के लिए दायर अर्जी को स्वीकार कर लिया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्देश पर रोक लगा दी थी. इस मामले की कार्यवाही 2023 में ट्रायल कोर्ट से हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दी गई.

-भारत एक्सप्रेस



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