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Amroha: डिलीवरी के दौरान महिला के पेट में छोड़ी पट्टी, कोर्ट के आदेश पर महिला डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधक पर दर्ज हुआ मुकदमा

पीड़ित सुशील ने बताया कि सिटी स्कैन कराने के लिए वह पत्नी को मुरादाबाद के एक अस्पताल में ले गए, जहां मालूम हुआ कि उनकी पत्नी के पेट में एक 9 × 8 सेमी की पट्टी है, इसी वजह से लगातार उनके पेट मे दर्द हो रहा है.

इसी अस्पताल में हुई लापरवाही

अरुण चाहल

Amroha: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां गजरौला में स्थित कमलेश देवी मेटरनिटी एंड डायग्नोस्टिक सेंटर पर एक महिला की डिलीवरी के बाद उसके पेट में पट्टी छोड़ने का मामला सामने आने के बाद हड़कम्प मच गया है. तो वहीं कोर्ट के आदेश पर महिला डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधक पर मुकदमा दर्ज हुआ है. जानकारी सामने आ रही है कि, पिछले साल भी इसी अस्पताल में एक महिला की डिलीवरी के दौरान पेट में पट्टी छोड़ने का मामला सामने आया था, जिसमें इलाज के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया था. महिला की मौत पर अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा भी हुआ था, लेकिन अस्पताल पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई थी और अस्पताल लगातार लापरवाही करता आ रहा है. एक बार फिऱ से इसी तरह का ताजा मामला सामने आने के बाद अस्पताल पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

अमरोहा के गजरौला कोतवाली इलाके के मोहल्ला नाईपुरा निवासी सुशील ने अपनी पत्नी नीतू को डिलीवरी के लिए पिछले साल 11 अक्टूबर को गजरौला सरकारी अस्पताल के सामने स्थित कमलेश देवी मेटरनिटी एंड डायग्नोस्टिक सेंटर पर भर्ती कराया था. इस सम्बंध में पीड़ित सुशील ने बताया कि, महिला डॉक्टर उर्वी गुप्ता ने उनकी पत्नी का बड़ा ऑपरेशन करने की बात कही थी और ये भी कहा था कि अगर ऑपरेशन नहीं कराया तो महिला की जान भी जा सकती है. सुशील ने बताया कि डॉक्टर की ये बात सुनकर परिवार डर गया और फिर ऑपरेशन कराने के लिए हामी भर दी. उन्होंने आगे बताया कि 12 अक्तूबर 2022 की रात करीब दो बजे उनकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया. तो वहीं पांच दिन तक उनकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती रखा गया और इलाज चलता रहा. सुशील ने बताया कि जब डिस्चार्ज के बाद पत्नी घर पहुंची तो उन्होंने पेट में असहनीय दर्द की बात कही. पहले तो हम लोगों ने सोचा कि ऑपरेशन हुआ है, इसलिए दर्द होगा और इस बात को हल्के में लिया, लेकिन कुछ ही देर बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी. इस पर फिर से उनको अस्पताल में भर्ती कराया.

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डाक्टर ने कहा, ऑपरेशन के टांके नहीं सूखने के कारण हो रहा है दर्द

पीड़िता ने बताया कि अस्पताल में महिला डॉक्टर उर्वी गुप्ता ने बताया कि अभी ऑपरेशन के टांके नही सूखें हैं, इसीलिए दर्द हो रहा है और फिर दवा देकर वापस घर भेज दिया, लेकिन फिर भी दर्द बंद नहीं हुआ और बढ़ता ही गया. इस पर पीड़ित ने 21 जनवरी को फिर अस्पताल में दर्द की शिकायत को लेकर पत्नी को भर्ती कराया. इस पर महिला डॉक्टर ने उनकी पत्नी का अल्ट्रासाउंड किया और फिर पेट में गांठ होने की बात कही. इसी के साथ सिटी स्कैन कराने की बात कही.

इस तरह खुली अस्पताल की पोल

पीड़ित सुशील ने बताया कि सिटी स्कैन कराने के लिए वह पत्नी को मुरादाबाद के एक अस्पताल में ले गए, जहां मालूम हुआ कि उनकी पत्नी के पेट में एक 9 × 8 सेमी की पट्टी है, इसी वजह से लगातार उनके पेट मे दर्द हो रहा है. यह सुनते ही सुशील के पैर तले जमीन खिसक गई और फिर वह डिलीवरी करने वाले अस्पताल पहुंचे और इसकी शिकायत की, लेकिन वहां खेल कुछ और ही मिला. डॉक्टरों ने अपनी गलती मानने के बजाए सुशील से ही अभद्रता शुरू कर दी. सुशील ने आरोप लगाया कि अस्पताल कर्मचारियों व डाक्टरों द्वारा उनको गाली दी गई और धक्का देकर भगा दिया गया.

मेरठ में कराया इलाज

पीड़ित ने बताया कि जब डिलीवरी करने वाले अस्पताल में नहीं सुनी गई तो उन्होंने अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए मेरठ के एक निजी अस्पताल में गए और ऑपरेशन कराया. जहां पता चला कि पेट में पट्टी होने की वजह से एक आंत भी सड़ गई थी और इसी वजह से लगातार पेट में दर्द हो रहा था. पीड़ित ने बताया कि इस इलाज के लिए करीब पांच लाख रुपए इलाज में खर्च हो गए.

फिर से पहुंचा डिलीवरी वाले अस्पताल

सुशील ने बताया कि पत्नी का इलाज कराने के बाद चार अप्रैल को फिर से कमलेश देवी अस्पताल वह पहुंचे और गलत इलाज करने की शिकायत की. सुशील ने आरोप लगाया कि इस पर फिर से उनके साथ बुरा बर्ताव अस्पताल द्वारा किया गया और उनको भगा दिया गया. इस पर थाने पहुंचे और सुनवाई नहीं होने पर एसपी के पास शिकायती पत्र लेकर पहुंचे, फिर भी आरोपियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. इस पर 21 अप्रैल को उनको कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. जिसके बाद गजरौला पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट के आदेश पर डॉक्टर उर्वी गुप्ता और कमलेश देवी मेटरनिटी एंड डायग्नोस्टिक सेंटर के प्रबंधक के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. इस सम्बंध में गजरौला कोतवाल अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद ही अग्रिम कार्यवाही की जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस

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