सिद्धारमैया
Anti- Conversion Law: कर्नाटक सरकार ने धर्मांतरण रोकथाम कानून को निरस्त करने का फैसला लिया है. यह कानून बीजेपी के शासन काल में लाया गया था. अब सिद्धारमैया (Siddaramaiah) सरकार ने इसे निरस्त करने का फैसला किया है. इतना ही नहीं कर्नाटक सरकार ने केबी हेडगेवार से जुड़ा चैप्टर कर्नाटक के पाठ्यक्रम से बाहर करने के फैसले पर भी मुहर लगाई है. कर्नाटक के मंत्री एच के पाटिल ने गुरुवार को कहा कि कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण अधिनियम में किए गए बदलाव 5 जुलाई से शुरू होने वाले राज्य विधानसभा के अगले सत्र में निरस्त कर दिए जाएंगे. बता दें कि सिद्धारमैया सरकार ने और भी कई बड़े फैसले लिए हैं:
बोम्मई सरकार में पास हुआ था कानून
गौरतलब है कि बीते साल बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने इस कानून को पास किया था. बीजेपी सरकार की दलील थी कि राज्य में धर्म परिवर्तन काफी आम हो गया है. इसलिए धर्मांतरण के खिलाफ कानून लाया गया है. जब पिछले साल बीजेपी विधानसभा में यह कानून ला रही थी तो जेडीएस और कांग्रेस ने इसका विरोध किया था. कांग्रेस के विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया. अब जब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है तो भाजपा सरकार में लाए गए कानून को बदला जा रहा है.
पिछले साल अक्तूबर में दर्ज हुआ था पहला मामला
कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत पहला मामला पिछले साल अक्टूबर में दर्ज किया गया था. एक 24 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति को शादी के बहाने एक महिला का कथित रूप से धर्मांतरण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद नवंबर में भी कर्नाटक पुलिस ने मांड्या जिले के नागमंगला शहर में कथित तौर पर दूसरे धर्म की लड़की को बहला-फुसलाकर शादी के लिए परेशान करने के आरोप में कानून के तहत एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया.
-भारत एक्सप्रेस
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