दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली के रोहिणी स्थित आशा किरण आश्रय गृह में 14 लोगों की मौत के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने मेडिकल और गैर-मेडिकल स्टाफ की कमी पर चिंता जताई है. हाईकोर्ट ने समाज कल्याण सचिव को व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी करने को कहा है. साथ कोर्ट ने समाज कल्याण सचिव को सोमवार तक नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. इतना ही नही हाईकोर्ट ने अतिरिक्त धनराशि के लिए उपराज्यपाल से संपर्क करने का भी सुझाव दिया है. कोर्ट 12 अगस्त को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.
हाईकोर्ट ने की सिफारिश
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है. हाईकोर्ट ने कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए संविदा कर्मचारियों को नियुक्त करने की सिफारिश की है. पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि विक्षिप्त लोगों के लिए सरकार द्वारा संचालित आशा किरण आश्रय गृह में रह रहे 14 लोगों की हाल में हुई मौत एक अजब संयोग है.
कोर्ट ने कहा था कि यदि केंद्र में भीड़भाड़ है, तो वहां रहने वाले लोगों को किसी दूसरे अच्छे स्थान पर भेजा जाना चाहिए. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के समाज कल्याण सचिव को निर्देश दिया था कि वह व्यक्तिगत रूप से आशा किरण केंद्र का दौरा कर कोर्ट को रिपोर्ट सौंपे. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था जिन महिलाओं की मौत हुई है. उनमें से अधिकतर महिलाओं को टीबी की बीमारी थी.
14 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि जुलाई में आशा किरण आश्रय गृह में एक बच्चों सहित 14 लोगों की मौत हो गई थी. आशा किरण आश्रय गृह में फिलहाल बच्चों और महिलाओं समेत 980 मानसिक रूप से बीमार लोग रह रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक फरवरी से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है.
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-भारत एक्सप्रेस
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