आखिर क्यों सृष्टि के रचयिता ब्रह्मदेव की पूजा नहीं होती है? यहां जानिए इसकी वजह
By निहारिका गुप्ता
Ashiq Allah Dargaah Case: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महरौली के पास 13वीं सदी की ‘आशिक अल्लाह दरगाह’ और बाबा फरीद की चिल्लागाह सहित सदियों पुरानी धार्मिक संरचनाओं की सुरक्षा के निर्देश देने की मांग का मामला सुर्खियों में है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका पर पक्षकारों को उचित दस्तावेज दाखिल करने की इजाजत देने के साथ मामले की सुनवाई के लिए 26 फरवरी का दिन तय कर दिया है.
दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जारी आठ फरवरी के आदेश को एक पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जिसमें संरचनाओं की सुरक्षा के लिए निर्देश पारित करने से इनकार कर दिया गया था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने अधिकारियों द्वारा दिए गए बयान के आधार पर निपटारा कर दिया था कि केंद्रीय या राज्य प्राधिकरण द्वारा घोषित किसी भी संरक्षित स्मारक या राष्ट्रीय स्मारक को नहीं गिराया जाएगा.
साथ ही उस दौरान अनधिकृत अतिक्रमण और विरासत के अधिकार को संतुलित करने की जरूरत के संबंध में भी हाई कोर्ट ने टिप्पणियां की थी, जिसके खिलाफ याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुचे हैं.
— भारत एक्सप्रेस
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