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Umesh Pal Murder Case: आईएसआई से थे अतीक अहमद के संबंध, उमेश पाल मर्डर की वजह आई सामने, चार्जशीट में बड़ा खुलासा

Prayagraj: अतीक अहमद ने कबूल किया है कि, 2004 में उसके भाई अशरफ के खिलाफ बसपा के राजू पाल ने चुनाव लड़ा और जीत गया. उसने उसके भाई को हराया, जो कि बर्दाश्त नहीं हुआ.

Atiq-Ashraf

माफिया अतीक और उसका भाई, (फाइल फोटो-PTI)

Umesh Pal Murder Case: बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह अधिवक्ता उमेश पाल के साथ ही उनके दो सरकारी गनर को दिन-दहाड़े माफिया अतीक अहमद ने मरवा दिया था. इसी साल 24 फरवरी को हुई इस घटना में पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट में बड़ा खुलासा हुआ है. इस चार्जशीट में माफिया अतीक अहमद की तमाम काली करतूतों का चिठ्ठा खोला गया है. इस चार्जशीट में जहां उसने अपने संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से बताए थे तो इसी के साथ ही उसने राजू पाल और उमेश पाल की हत्या की वजह भी बताई है.

पाकिस्तान से मिलता था हथियार

पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट में खुलासा किया गया है कि अतीक अहमद के गुर्गों को पाकिस्तान से हथियार मिलते थे. इसी के साथ उसने ये भी बताया था कि पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब की सीमा में हथियार गिराए जाते हैं, जिसे लोकल कनेक्शन एकत्र कर लेता था और उसे मुहैया कराता था. उसे जम्मू कश्मीर के दशरथगढ़ से भी हथियार मिलते थे. लोकल लोग उसे हथियार मुहैया कराते थे. उसने ये भी कबूल किया था कि यहीं के हथियार खालिस्तान में आंदोलन चलाने वालों को भी भेजे जाते हैं. इसी के साथ अतीक अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड में अपने पूरे परिवार के शामिल होने की बात भी कबूल की है. हालांकि पुलिस द्वारा बयान दर्ज करने के बाद 15 अप्रैल को माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ को बदमाशों ने उस वक्त गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया था, जब दोनों को पुलिस कस्टडी में कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था. बदमाश पत्रकार बनकर आए थे और दोनों माफिया ब्रदर्स को गोली मार दी थी, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी. तो वहीं कोर्ट में दाखिल चार्जशीट के मुताबिक अतीक ने पुलिस को खुद से जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई थी.

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1857 पेज की पहली चार्जशीट की गई थी दाखिल

जानकारी सामने आ रही है कि, धूमनगंज थाना पुलिस ने स्पेशल जज एससी एसटी एक्ट कोर्ट में उमेशपाल शूट आउट केस में 26 मई को सदाकत खान के खिलाफ 1857 पेज की पहली चार्जशीट दाखिल की थी. इसी के बाद दूसरी चार्जशीट अतीक अहमद के नौकर राकेश उर्फ नाकेश उर्फ लाला के साथ ही उसके ड्राइवर कैश अहमद, मोहम्मद अरशद कटरा, नियाज़ अहमद, इकबाल अहमद और शारुक उर्फ शहरुक,अतीक अहमद के बहनोई डॉ अखलाक अहमद और अतीक के वकील खान सौलत हनीफ के खिलाफ 17 जून को दाखिल की गई. एसीपी धूमनगंज ने स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट कोर्ट में यह चार्जशीट दाखिल की थी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एसीपी की ओर से जो दूसरी चार्जशीट दाखिल की गई थी, उसमें संलग्नकों के साथ कुल 1979 पेज थे. इन दोनों चार्जशीट में आरोपितों की संख्या कुल नौ है और सभी जेल में ज्यूडीशियल कस्टडी में बंद हैं. दाखिल चार्जशीट को काफी गोपनीय तरीके से रखा गया था, लेकिन चार्जशीट के दाखिल होने के करीब 4 महीने बाद इसके कुछ पेज सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिससे उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े तमाम राज बाहर आ गए हैं और अतीक अहमद का कबूलनामा भी लोगों के सामने आ गया है.

इसलिए मरवाया राजू पाल और उमेश पाल को

चार्जशीट में अतीक अहमद ने कबूल किया है कि, 2004 में उसके भाई अशरफ के खिलाफ बसपा के राजू पाल ने चुनाव लड़ा और जीत गया. उसने उसके भाई को हराया, जो कि बर्दाश्त नहीं हुआ. इसीलिए दिन दहाड़े सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर राजू पाल की गोलियों से भूनकर हत्या करवा दी. इसी के साथ उमेश पाल की हत्या की वजह को बताते हुए कहा है कि, उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड का चश्मदीद गवाह था. उसे कई बार समझाया गया कि रास्ते से हट जाए, लेकिन उसने बात नहीं मानी और इसीलिए उसे भी रास्ते से हटाना पड़ा.

क्या था अतीक अहमद का मुख्य पेशा

चार्ज शीट में माफिया अतीक अहमद ने पुलिस को अपने मुख्य पेशे के बारे में भी बताया था. उसने बताया कि, प्रयागराज और कौशांबी जिले के साथ ही आस-पास के क्षेत्र में विवादित जमीनों को खरीदना और बल पूर्वक उसे खाली कराना और उसको महंगे दामों में बेचना ही उसका मुख्य पेशा था. उसने इस कारोबार को फलने-फूलने के लिए 100 से 200 लोगों को रख रखा था, जो कि उसके एक इशारे पर किसी की भी जान ले सकते थे. अतीक ने अपने बयान में एक कहानी भी सुनाई थी और कहा था, चांद मियां नाम के गुंडे ने मुझे दबाने का प्रयास किया लेकिन मैं उससे दबने और के बजाए अपने उसूलों को बचाने के लिए उसकी हत्या भी करवा दी.

बेटे असद को लेकर किया ये बड़ा खुलासा

चार्जशीट में अतीक ने अपने बेटे असद को लेकर भी बड़ा खुलासा किया था और बताया था कि असद को उसके भाई अशरफ ने अपनी शागिर्दी में ले लिया था और उसे इतना साहसिक बना दिया कि वह कत्ल भी आसानी से करने लगा था. अशरफ हमेशा असद की तारीफ करता था और कहता था कि हम लोगों के बाद गैंग की कमान असद ही संभालेगा. इसी के साथ उसने इस बात का भी खुलासा किया था कि, उमेश पाल ने अपने अपहरण केस में मेरे और मेरे भाई के खिलाफ गवाही दी थी. इसी के बाद मेरे भाई अशरफ, मेरी पत्नी शाइस्ता, अशरफ की पत्नी जैनब, मेरी बहन आयशा नूरी बहनोई अखलाक और मेरे बच्चों ने मुझसे कहा कि, अगर उमेश पाल का कोई ठोस इंतजाम नहीं होगा तो हम लोगों को बर्बाद कर देगा. बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस असद को भी मुठभेड़ में मार चुकी है तो वहीं अतीक और अशरफ की पत्नी और बहन फरार चल रही है. बहनोई अखलाक भी जेल में है.

-भारत एक्सप्रेस

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