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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम और मंदिर उद्घाटन को लेकर तैयारी जोरों पर है. 22 जनवरी 2024 को कार्यक्रम का आयोजन होगा. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल होंगे. कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं तो वहीं लाखों लोगों के अयोध्या पहुंचने की सम्भावना जताई जा रही है. ऐसे में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओऱ से यहां आने वाले देश-विदेश के मेहमानों के लिए खासा बंदोबस्त किया जा रहा है. इसी बीच ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने लोगों से 22 जनवरी को उत्सव के रूप में मनाने की अपील की है.
चंपत राय ने राम भक्तों से कहा है कि, “हम नही जानते अयोध्या में 22 जनवरी को 25 हज़ार लोग आयेंगे या 25 लाख, लेकिन… हमारा निवेदन यहीं है कि 22 जनवरी के बाद अयोध्या आयें.” इसी के साथ ये भी कहा है कि, “आप अपने स्थान पर आनंद मनाइये, भजन कीर्तन कीजिए, त्यौहार मनाइये और अपने घरों के दरवाजे दीपक से प्रकाशित कीजिए.” महासचिव चंपत राय ने एक्स अकाउंट पर जारी बयान में कहा कि, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मेहमानों को आमंत्रण भेजने का क्रम तेज कर दिया गया है. कार्यक्रम में ट्रस्ट की ओर से मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले कारसेवकों के परिजनों को भी आमंत्रित किया जा रहा है.
तो वहीं रविवार को 1990 के गोलीकांड में मारे गए शरद व रामकुमार कोठारी की बहन पूर्णिमा कोठारी अयोध्या पहुंचीं और चंपत राय से मुलाकात करने के साथ ही रामलला के दर्शन भी किए. इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए पूर्णिमा ने कहा कि, राममंदिर निर्माण से उनके भाइयों का सपना पूरा हो रहा है. उनके सपने को पूरा होते देखना जीवन का सबसे सुखद क्षण है. उन्होंने बताया कि, ट्रस्ट की ओर से उन्हें व परिजनों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है. इसी के साथ पूर्णिमा ने ये भी बताया कि, समारेाह में वे भी रामलला के भक्तों की सेवा के लिए 10 दिवसीय जलपान शिविर लगाने जा रही हैं. इसकी अनुमति ट्रस्ट की ओर से मिल गई है. यह शिविर 16 से 24 जनवरी तक लगाया जाएगा.
पूर्णिमा कोठारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, राममंदिर आंदोलन स्वतंत्रता आंदोलन से कम नहीं था. उन्होंने बताया कि भक्तों में श्रीराम के प्रति आस्था का चरम इस कदर था कि पांच सौ सालों तक चले संघर्ष में लाखों ने जान गंवाई. पूर्णिमा ने ये भी कहा कि, युवा पीढ़ी मंदिर आंदोलन को याद रखे इसलिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से अपील है कि संग्रहालय बनाकर आंदोलन का सुदीर्घ इतिहास संरक्षित किया जाना चाहिए. इसको लेकर उनकी चंपत राय से बात भी हुई है. उन्होंने संग्रहालय के निर्माण के लिए आश्वस्त किया है.
-भारत एक्सप्रेस
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