फोटो-सोशल मीडिया
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या स्थित राम मंदिर से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां श्री राम जन्मभूमि मंदिर की व्यवस्था से जुड़े तीन महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. इसमें सबसे बड़ा बदलाव यही है कि यहां पर अब हर श्रद्धालु एक समान होगा. कोई भी वीआईपी नहीं होगा. जो तीन बदलाव किए गए हैं उसमें से पहला ये कि अब कोई विशिष्ट व्यक्ति हो या अति विशिष्ट व्यक्ति, श्री राम मंदिर परिसर में उसको चंदन या तिलक नहीं लगाया जाएगा. दूसरा अब किसी को चरणामृत नहीं दिया जाएगा और तीसरा और सबसे अहम यह कि अब दर्शनार्थी पुजारी को पैसा देने के बजाय केवल दान पत्र में ही अर्पण कर सकेंगे.
मंदिर ट्रस्ट के पास आ रही थी ये शिकायतें
बता दें कि श्री राम मंदिर ट्रस्ट के पास कई दिनों से ये शिकायतें आ रही थी कि सभी राम भक्तों के साथ समान व्यवहार नहीं किया जा रहा है. कुछ लोगों को विशिष्ट सुविधा मिल रही हैं, जैसे उन्हें चंदन का तिलक लगाया जा रहा है और चरणामृत दिया जा रहा है. इन शिकायतों को मिलने के बाद इस व्यवस्था को ट्रस्ट ने समाप्त कर दिया है और अब किसी को विशिष्ट व्यक्ति नहीं माना जाएगा और सभी को एक समान माना जाएगा.
कुछ व्यवस्थाओं में किया गया परिवर्तन
इस पूरे मामले को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि बदलाव कुछ नहीं हुआ है. कुछ व्यवस्थाओं में परिवर्तन किया गया है. इससे कुछ श्रद्धालुओं के मन में शंका भी होती थी और ट्रस्ट के प्रति रोष भी होता था, जैसे किसी को चरणामृत मिल रहा है, किसी को टीका लग रहा है, किसी को नहीं मिल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि लिहाजा अगर ऐसा हो तो सभी के साथ हो, सभी के साथ समान व्यवहार हो, क्योंकि हमारे लिए सभी बराबर हैं. कुछ इस तरह की प्रतिक्रिया आई थी, इसके बाद यह बदलाव किए गए क्योंकि हमारे लिए सब बराबर हैं.
पुजारियों को दिया जाता है पर्याप्त वेतन
प्रकाश गुप्ता ने आगे बताया कि अब राम मंदिर ट्रस्ट ने एक और बड़ा बदलाव किया है. अब तक दर्शनार्थी राम मंदिर के पुजारियों को भगवान के चरणों में अर्पण के लिए पैसे और कीमती वस्तुएं सीधे देते थे, जिसे बाद में पुजारी रख लेते थे. दान ट्रस्ट के पास आना चाहिए. इसलिए दर्शनार्थी अब अपना अर्पण दान पत्र के जरिए ही करेंगे. राम मंदिर ट्रस्ट ने कहा है कि जो भी पुजारी उन्होंने नियुक्त किए हैं, उनको पर्याप्त वेतन दिया जाता है और जो भी पैसा भगवान के चरणों में चढ़ाया जाता है, वह दान पात्र में डाला जाना चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस
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