पूर्व राज्यपाल व कांग्रेस नेता अजीज कुरैशी ने विवादित बयान दिया है. (PTI PHOTO)
Aziz Qureshi Statements: यूपी और उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीज कुरैशी ने भड़काऊ बयान दिया है. उन्होंने कांग्रेस की वर्तमान रणनीति पर भी प्रहार किया और कहा कि मुसमलान किसी पार्टी का गुलाम नहीं है. उन्होंने सॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे पर अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं की पहल की तीखी भाषा में आलोचना की. साथ ही वर्तमान हालात पर उन्होंने कहा कि 22 करोड़ मुसलमान हैं. इनमें से एक दो करोड़ मर भी जाते हैं तो कोई हर्ज नहीं. कुरैशी ने कहा कि जब पानी हद से गुजर जाएगा तो मुसलमानों ने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं.
कांग्रेस के अपने कुछ साथियों पर हल्ला बोलते हुए कुरैशी ने कहा, “कांग्रेस के कुछ लोग हिंदुत्व की धार्मिक यात्राओं की बात करते हैं. जय गंगा मइया और जय नर्मदा मइया की नारेबाजी करते हैं. यह शर्म की बात है, डूब मरने की बात है.”
मुझे कोई डर नहीं, निकाल देना पार्टी से- कुरैशी
कांग्रेस की नीतियों को कुरैशी ने मुस्लिम विरोधी बताया और कहा कि उन्हें पार्टी से निकाल भी दिया जाए तो उन्हें कोई गम नहीं है. उन्होंने कहा, “मुझे कोई डर नहीं, निकाल देना पार्टी से. नेहरू के वारिस कांग्रेस के लोग आज धार्मिक यात्राएं निकालते हैं. गंगा मइया की जय बोलते हैं. गर्व से कहो मैं हिंदू हूं. पीसीसी के दफ्तर में मूर्तियां बिठाते हैं. ये डूब मरने की बात है.”
‘मुसलमान किसी पार्टी का गुलाम नहीं है’
अजीज कुरैशी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि मुसलमान किसी पार्टी का गुलाम नहीं है. उन्होंने इसमें कांग्रेस को भी शामिल किया और कहा कि अच्छी तरह से जान लें कि मुसलमान आपका गुलाम नहीं है. उन्होंने आरोप लगाए कि मुसलमानों को सेना, पुलिस या नेवी में नहीं लिया जाता, ऐसे में हम क्यों वोट दें.
एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में कुरैशी ने अपने विवादित बयान का समर्थम किया है और इसे सही करार दिया है. उन्होंने कहा कि वह अपने बयान पर कायम है और उन्हें इसका अफसोस नहीं है.
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अजीज कुरैशी का सियासी करियर
आपको बता दें कि अजीज कुरैशी मध्य प्रदेश की कैबिनेट में मंत्री और 1984 में सतना से सांसद भी रह चुके हैं. इसके अलावा तीन राज्यों के राज्यपाल रह चुके हैं. जिनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मिजोरम शामिल हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें 2020 में एमपी उर्दू अकादमी का अध्यक्ष भी बनाया था.
— भारत एक्सप्रेस