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Rajasthan Politics: बाबा बालकनाथ ने दिया सांसद पद से इस्तीफा, अब बन सकते हैं राजस्थान के मुख्यमंत्री!

माना जाता है कि संसद से इस्तीफा देने वाले भाजपा नेताओं में से कई उन तीन राज्यों में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं, जिन पर पार्टी ने रविवार को कब्जा कर लिया है.

बाबा बालकनाथ (फाइल फोटो)

बाबा बालकनाथ (फाइल फोटो)

Rajasthan Politics: राजस्थान के अलवर से भाजपा सांसद बाबा बालकनाथ ने अपने लोकसभा पद से इस्तीफा दे दिया है. इसे राजस्थान की राजनीति के लिहाज से बड़ा कदम माना जा रहा है. दरअसल, हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को पटखनी देकर राज्य में सरकार बना ली है. अब मामला फंसा है सीएम फेस को लेकर. इस बीच अचानक सुर्खियों में आए हैं बाबा बालकनाथ. सूत्रों के मुताबिक, भाजपा की ओर से बाबा बालकनाथ को राजस्थान की कमान सौंपी जा सकती है. हालांकि, इस पर अभी आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है. इस बीच बालकनाथ ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.राज्य विधानसभा चुनावों में तिजारा सीट से बालकनाथ विधायक चुने गए हैं.उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार इमरान खान पर जीत हासिल की थी. इसके बाद से बालकनाथ का नाम राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में उभरा है.

बीजेपी में इस्तीफे की लहर

यह घटनाक्रम राजस्थान,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में राज्य विधानसभा चुनावों में विजयी रहे भाजपा सांसदों के इस्तीफे की लहर के बाद हुआ है. सांसदों ने कल ओम बिरला को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. जिससे इन राज्यों में नए मुख्यमंत्रियों के संभावित चयन को लेकर अटकलें तेज हो गईं. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और नरेंद्र सिंह तोमर जैसे प्रमुख चेहरे के आज बाद में केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने की उम्मीद है.

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चुनावी विजय के बीच राजनीतिक पैंतरेबाज़ी

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी की हालिया चुनावी जीत के बाद भाजपा की रणनीतिक चालें सामने आ रही हैं. इस्तीफे की लहर ने संभवतः आज मुख्यमंत्री पदों के संबंध में आसन्न घोषणाओं के बारे में अटकलें तेज कर दी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर हुई पांच घंटे की बैठक में इस मामले पर चर्चा हुई, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए.माना जाता है कि संसद से इस्तीफा देने वाले भाजपा नेताओं में से कई उन तीन राज्यों में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं, जिन पर पार्टी ने रविवार को कब्जा कर लिया है. हाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा के सफल अभियान के बाद, इस घटनाक्रम ने हिंदी पट्टी में महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव की संभावना के बारे में प्रत्याशा और साज़िश को जन्म दिया है.

-भारत एक्सप्रेस

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