कूनो नेशनल पार्क में मादा चीते ने दिया शावकों को जन्म
Kuno National Park: मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) से एक और बुरी खबर आ रही है. नामीबियाई मादा चीता ज्वाला से पैदा हुए चार शावकों में से एक की मौत हो गई है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने बताया, “हमारी टीम दो महीने की मादा शावक की मौत के सही कारण का पता लगाने की कोशिश कर रही है.”
दो महीने में चौथी मौत
इससे पहले दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए गए साशा और उदय नाम के दो चीतों की क्रमश: मार्च और अप्रैल में मौत हो गई थी, जबकि दक्ष नामक तीसरे चीते की मौत नौ मई को हुई थी. कुनो नेशनल पार्क में पांच साल की मादा नामीबियाई चीता साशा की कथित तौर पर किडनी इंफेक्शन के कारण मौत हो गई थी. मादा चीता की सेहत करीब छह माह से ठीक नहीं थी और हाल ही में उसे इलाज के लिए आइसोलेशन बाड़े में वापस लाया गया था.
इसके बाद 9 मई को कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई थी. इसे भी दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था. मृत पाई गई मादा चीता का नाम दक्षा था और उसकी मौत के पीछे की वजह एक अन्य चीते से लड़ाई बताई गई थी. विशेषज्ञों का कहना था कि मादा चीता दक्षा पर जो घाव पाए गए हैं, वह पहली नजर में चीते का हमला प्रतीत हो रहे हैं.
नामीबिया की मादा चीता सियाया को बाद में ‘प्रोजेक्ट चीता’ की नोडल एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने ज्वाला नाम दिया. ज्वाला ने इस साल मार्च में चार शावकों को जन्म दिया था.
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मार्च में पहले नामीबियाई चीता की मौत के एक सप्ताह के भीतर चार शावकों ने जन्म लिया, जिनमें से एक मादा शावक की मौत हो गई. इस साल मार्च के बाद से केएनपी में मरने वाली यह चौथी चीता थी.
कुल 20 चीते दो चरणों में भारत लाए गए थे. 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से आठ चीते और 18 फरवरी, 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे.
-भारत एक्सप्रेस
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