'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' (सांकेतिक तस्वीर).
BBC Documentary Controversy: इंडिया: द मोदी क्वेश्चन नामक बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर दायर मानहानि याचिका पर रोहिणी कोर्ट 18 दिसंबर को सुनवाई करेगा. अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रुचिका सिंगला की कोर्ट मामले में सुनवाई कर रही है. यह याचिका झारखंड भाजपा की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य और आरएसएस व विश्व हिंदू परिषद के सक्रिय स्वयंसेवक बिनय कुमार सिंह की ओर से दायर की गई है.
याचिकाकर्ता ने क्या कहा
दायर याचिका में कहा है कि बीबीसी और अन्य प्रतिवादी, विकिमीडिया फाउंडेशन और अमेरिका स्थित डिजिटल लाइब्रेरी, इंटरनेट आर्काइव, विदेशी संस्थाएं है और समन दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जारी दिशनिर्देशों के अनुसार होना चाहिए. याचिकाकर्ता ने कहा कि जनवरी 2023 के महीने में बीबीसी ने इंडिया द मोदी क्वेश्चन नामक दो भागों की वृतचित्र श्रृंखला प्रसारित की.
इसमें यह बताया गया है कि भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए खतरनाक हिंसा का आह्वान किया जा रहा है और इसमें यह रिपोर्ट शामिल है, नो मुस्लिम महिलाओं के व्यापक और सिस्मेटिक बलात्कार के बारे में बताता है, और जिसका उद्देश्य हिंदू क्षेत्रों से मुस्लिमों को निकालना है. इसके अलावा बीजेपी, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद आदि के खिलाफ कई निराधार आरोप भी है. इसमें दावा किया गया है कि कम से कम 2000 लोगों की हत्या हुई है.
क्या है बीजेपी नेता का आरोप?
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि वकीलों द्वारा सिर्फ वकालतनामा दाखिल करने से निर्धारित प्रक्रिया के तहत प्रतिवादी संस्थाओं को समन जारी नही किया जा सकता. बीजेपी नेता का आरोप है कि बीबीसी ने जो डाक्यूमेंट्री बनाई है वो दो हिस्सों में दिखाई गई है. इससे पीएम नरेंद्र मोदी के साथ आरएसएस की छवि को गहरी ठेस पहुंची है. बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का जो कंटेंट है वो बहुत ज्यादा आपत्तिजनक है. इससे देश का माहौल खराब होने की आशंका बन पड़ी थी. उनका आरोप है कि ब्रिटिश कंपनी के खिलाफ मानहानि का केस चलाया जाना सही कदम है.
-भारत एक्सप्रेस
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