
राजस्थान में आईएएस पदोन्नति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. गैर आरएएस से आईएएस में पद्दोन्नति के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा 5 दिसंबर को दिए गए फैसले को बरकरार रखा है. जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने आरएएस एसोसिएशन की ओर से दायर एसएलपी को खारिज करते हुए यह दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार ने गैर आरएएस सेवा के अधिकारियों को आईएएस सेवा में पद्दोन्नति देने की प्रक्रिया में नियमों को नहीं तोड़ा है. ये पद्दोन्नतियां आईएएस (भर्ती) नियम, 1954 के तहत है. हालांकि कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा लगाए गए 5 लाख रुपये के जुर्माने को घटाकर 2 लाख रुपए कर दिया है.
आरएएस एसोसिएशन ने याचिका दायर कर आईएएस में गैर एससीएस अधिकारियों का 15 फीसदी कोटा के तहत पद्दोन्नति का विरोध किया था. आरएएस एसोसिएशन के कहना था कि इस प्रक्रिया से आरएएस अधिकारियों के करियर का विकास बाधित होता है.
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याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार केवल परिस्थितियों होने पर ही अन्य सेवाओं के अधिकारियों को आईएएस में पद्दोन्नति कर सकती है. उसमें भी स्टेट सिविल सर्विसेज के 33.33 प्रतिशत कोटे का 15 प्रतिशत अन्य सेवाओं से ले सकती हैं. सरकार तो हर साल पर्याप्त आरएएस अधिकारी होने के बाद भी अन्य सेवाओं से आईएएस में पद्दोन्नति के लिए यूपीएससी को सिफारिश भेज रही है.
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