चुनाव आयोग
स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के सिद्धांतों को बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय चुनाव आयोग ( ईसीआई) ने छह राज्यों में गृह सचिवों को हटाने के आदेश जारी किए हैं. इन राज्यो में गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को भी हटाने का निर्देश दिए गए हैं. वहीं मिजोरम और हिमाचल प्रदेश में सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव को भी हटा दिया गया है.
इन अधिकारियों का दिया तबादला का आदेश
आयोग ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे चुनाव संबंधी कार्यों से जुड़े उन अधिकारियों का तबादला करें, जो तीन साल पूरे कर चुके हैं या अपने गृह जिलों में हैं. महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र में कुछ नगर आयुक्तों और कुछ अतिरिक्त/उप नगर आयुक्तों के संबंध में निर्देशों का अनुपालन नहीं किया था. आयोग ने मुख्य सचिव को नाराजगी जताते हुए बीएमसी और अतिरिक्त/उपायुक्तों को आज शाम 6 बजे तक रिपोर्ट करने के निर्देश के साथ ट्रांसफर करने का निर्देश दिया. वहीं चुनाव आयोग द्वारा मुख्य सचिव को महाराष्ट्र में समान रूप से पदस्थापित सभी नगर निगम आयुक्तों और अन्य निगमों के अतिरिक्त/उप नगर आयुक्तों को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया.
आज दोपहर में हुई चुनाव आयुक्तों की बैठक
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू की सदस्यता वाली आयोग की बैठक आज सोमवार को दोपहर में हुई. इन सात राज्यों में जिन अधिकारियों को हटाया गया है, उनके पास संबंधित राज्यों में मुख्यमंत्री के कार्यालय में दोहरे प्रभार थे, जो संभावित रूप से चुनावी प्रक्रिया के दौरान आवश्यक निष्पक्षता और तटस्थता से समझौता कर सकते थे. कानून और व्यवस्था, बलों की तैनाती आदि पर असर पड़ सकता था.
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इसके अलावा, चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को हटाने के लिए भी आवश्यक कार्रवाई की है. चुनाव आयोग द्वार उठाए गए इन कदमों से भारत निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है.
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