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Bihar Politics: क्या फिर ‘पलटेंगे’ नीतीश कुमार? पीएम मोदी के मंत्री ने दिया संकेत

1998 में JDU और बीजेपी के बीच गठबंधन हुआ. इसके बाद कई ऐसे मौके आए जब नीतीश कुमार ने पलटी मार ली. सबसे पहला मौका था साल 2013.

पशुपति पारस और नीतीश कुमार

पशुपति पारस और नीतीश कुमार

Bihar Politics: G20 डिनर के दौरान पीएम मोदी और नीतीश कुमार की मुलाकात के बाद से सियासी गलियारों में अटकलें तेज है. चर्चा है कि I.N.D.I.A में उचित सम्मान नहीं मिलने पर बिहार के सीएम एक बार फिर पलट सकते हैं. इस बीच मोदी कैबिनेट के मंत्री ने भी बड़ा बयान दे दिया है. पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि व्यक्ति बलवान नहीं होता है समय बलवान होता है. नीतीश अगर वापस आएंगे तो उनका जोरदार स्वागत होगा. उन्होंने कहा कि समय का इंतजार कीजिए. आगे जो होगा, वह अच्छा ही होगा. अगर नीतीश कुमार एनडीए में आएंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे.

दिलचस्प बात ये है कि भाजपा की ओर से भी नीतीश के एनडीए में वापसी की बात को झूठ करारा दिया जा रहा है. सुशील मोदी से लेकर सम्राट चौधरी तक खबर का खंडन कर रहे हैं. हालांकि, पशुपति पारस के बयान के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है. दरअसल, मंगलवार को पारस पटना पहुंचे थे. इस दौरान जब मीडिया ने नीतीश की एनडीए में वापसी से जुड़ा सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि समय बलवान होता है. समय का इंतजार कीजिए. जो होगा अच्छा होगा.

कब-कब पलटे नीतीश कुमार

बता दें कि 1998 में JDU और बीजेपी के बीच गठबंधन हुआ. इसके बाद कई ऐसे मौके आए जब नीतीश कुमार ने पलटी मार ली. सबसे पहला मौका था साल 2013. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को आगे कर दिया. नीतीश कुमार को ये बात पसंद नहीं आई. बीजेपी ने मोदी को लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया. इस बात से नीतीश इतने भड़क गए कि उन्होंने 17 साल पुराने रिश्ते को तोड़कर आरजेडी के साथ हो लिए. 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की प्रचंड जीत हुई. नीतीश सरकार में लालू के लाल तेजस्वी उपमुख्यमंत्री बने.

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2017 में फिर मारी पलटी

लालू परिवार की दखलअंदाजी के बाद महागठबंधन में दरार पड़ गई. 26 जुलाई को नीतीश कुमार ने प्रदेश के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. गौरतलब है कि उस साल तेजस्वी के इस्तीफे की मांग बढ़ गई थी. उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे. नीतीश कुमार ने फिर बीजेपी और सहयोगी पार्टियों की मदद से सरकार बनाई और 27 जुलाई को एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बन गए. ऐसे में 3 साल गुजर गए. नीतीश और बीजेपी में सबकुछ ठीक चल रहा था. 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के कम सीट आने के बाद भी बीजेपी ने नीतीश को सीएम पद दिया. लेकिन नीतीश कुमार एक बार फिर पलट गए और लालू की पार्टी के हो लिए. अब एक बार फिर नीतीश कुमार के पलटने की बात चल रही है.

-भारत एक्सप्रेस

 

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