Bharat Express

Bihar: चारा घोटाले में 28 साल बाद रिकवरी, डिप्टी CM सम्राट चौधरी ने कहा- लालू हों या कोई और..हम सबसे रिकवरी करेंगे

बिहार सरकार चारा घोटाले में दोषियों से ₹950 करोड़ की वसूली करेगी. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा, दोषियों की संपत्ति जब्त कर सरकार के खजाने में राशि जमा की जाएगी.

LALU YADAV

 Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने चारा घोटाले को लेकर बड़ा बयान दिया है. बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा है कि चारा घोटाले में डकारे गए 950 करोड़ रुपये की राशि दोषियों से वसूल की जाएगी और उसे सरकार के खजाने में जमा किया जाएगा.

उन्होंने स्पष्ट किया कि चारा घोटाले से जुड़े लोगों की संपत्तियों को जब्त कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सम्राट चौधरी ने कहा, “यह निर्णय न्यायालय का है और उसी के आधार पर कार्रवाई की जा रही है. चाहे वह लालू यादव हों या कोई और, जिन्होंने इस घोटाले में हिस्सा लिया है, उनकी संपत्ति को जब्त किया जाएगा और धनराशि को सरकारी खजाने में डाला जाएगा.”

बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने यह भी बताया कि अदालत ने पहले ही इस घोटाले में दोषियों को सजा सुना दी है, और संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दिया गया है. उन्होंने कहा, “अब 28 साल बीत चुके हैं, और साथ ही सुप्रीम कोर्ट से भी सजा मिल चुकी है. अब कोर्ट के आदेश के अनुसार संपत्ति को कुर्क कर सरकार का पैसा वापस लाया जाएगा.”

डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि जिन भी लोगों का संबंध इस घोटाले से है, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. यह सब न्यायालय के निर्देश पर किया जाएगा.

भारत का सबसे बड़ा घोटाला

चारा घोटाला स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक था, जो तत्कालीन अविभाजित बिहार में हुआ था. यह घोटाला मुख्य रूप से पशुपालन विभाग से जुड़ा था, जिसमें फर्जी बिलों और दावों के जरिए पशुओं के चारे के नाम पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये की अवैध निकासी की गई थी.

यह घोटाला 1990 के दशक में हुआ, जब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. इसका खुलासा 1996 में उस समय हुआ जब चाईबासा के तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे ने पशुपालन विभाग के दफ्तरों पर छापेमारी कर फर्जी बिलों के माध्यम से हो रही धन निकासी का पर्दाफाश किया.

इसके बाद मार्च 1996 में पटना हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी. 27 मार्च 1996 को पहली FIR दर्ज की गई और धीरे-धीरे मामले की परतें खुलती गईं. CBI ने चारा घोटाले में कुल 66 मामले दर्ज किए और 170 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया. इनमें से कई प्रमुख नेताओं और अफसरों को सजा सुनाई जा चुकी है.

लालू यादव को कई मामलों में सजा

इस घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पांच मामलों में दोषी ठहराया गया है. उन्हें पहली बार 3 अक्टूबर 2013 को चाईबासा ट्रेजरी से अवैध निकासी के मामले में सजा मिली थी. लालू अब तक इस घोटाले के मामले में सात बार जेल जा चुके हैं.

इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, जगदीश शर्मा, और आर.के. राणा जैसे नेताओं और कई वरिष्ठ अधिकारियों को भी सजा हो चुकी है.

सरकार अब कोर्ट के आदेशानुसार दोषियों की संपत्तियों की कुर्की कर रही है, जिससे लगभग 950 करोड़ रुपये की राशि की वसूली की जा सके और उसे सरकारी खजाने में वापस लाया जा सके.


ये भी पढ़ें: पीएम मोदी 3 अप्रैल से करेंगे थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा, बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल


-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read