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BJP Candidates List 2024: लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर अब भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा शुरू कर दी है. पहली लिस्ट 2 मार्च को जारी कर दी गई, जिसमें 195 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है तो वहीं इस लिस्ट में देश के सबसे बड़े सूबे यानी उत्तर प्रदेश की 51 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की गई. फिलहाल उत्तर प्रदेश में भाजपा ने बदलाव का रिस्क नहीं लिया है और पुराने चेहरों पर ही फिर से दांव खेला है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. यही वजह है कि नए चेहरों पर दांव नहीं खेला गया है, जबकि पहले ये कहा जा रहा था कि भाजपा इस बार यूपी में कई नए चेहरे लांच कर सकती है.
बता दें कि इस बार भाजपा ने यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने का दावा किया है. पार्टी अपने इसी लक्ष्य को साधने के लिए आगे बढ़ रही है. सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चाएं तेज थीं कि भाजपा इस बार उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर सांसदों के टिकट काट सकती है, लेकिन पहली लिस्ट में कोई बड़ा बदलाव देखने को नही मिला है. अगर सियासी गुणा-गणित के हिसाब से देखा जाए तो भाजपा ने पहली कैंडिडेट लिस्ट में 100 फीसदी पुराने और जिताऊ चेहरों पर ही दांव खेला है. इस सूची में 47 मौजूदा सांसदों को दोबारा भरोसा जताते हुए चुनावी मैदान में उतारा गया है. यूपी के प्रत्याशियों की लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का नाम शामिल है. तो जिन सीटों पर भाजपा ने नए चेहरों पर दांव खेला है, उन पर पार्टी को पिछले चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था.
इन नए चेहरों को दिया मौका
अगर पहली लिस्ट में नए चेहरों की बात करें तो भाजपा को 2019 में जिन सीटों पर हार मिली थी, उसी पर भाजपा ने नए चेहरे उतारे हैं. अंबेडकर नगर से रितेश पांडे, जौनपुर से कृपाशंकर सिंह, श्रावस्ती से नरेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा और नगीना से ओम कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है. तो वहीं राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी की दूसरी लिस्ट जरूर चौंकाने वाली हो सकती है, क्योंकि यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से बीजेपी कुछ सीटें सहयोगी दलों को भी देगी.
दिल्ली के अलावा कहीं नहीं दिखा बदलाव
राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा ने दिल्ली के अलावा कहीं भी बड़ा बदलाव नहीं किया है. इस बार भाजपा ने विवादित बयानों वालों के टिकट काटे हैं. विवादित बयानों में घिरे रहने वाले सांसदों (प्रज्ञा सिंह ठाकुर और मीनाक्षी लेखी) में से कुछ का टिकट काटा है, लेकिन पार्टी ने अपने इस फैसले को बड़े स्तर पर लागू नहीं किया है.
-भारत एक्सप्रेस