
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व (फोटो— आईएएनएस)
BJP National President: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में पार्टी के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया और राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए संभावित दावेदारों के नामों पर विचार-विमर्श किया. सूत्रों के अनुसार, अगले एक हफ्ते में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा हो सकती है.
वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो चुका है, लेकिन लोकसभा चुनाव और अन्य महत्वपूर्ण चुनावों के कारण इसे बढ़ा दिया गया था. अब पार्टी नए नेतृत्व की तलाश में है, जो 2029 के लोकसभा चुनाव में संगठन को दिशा दे सके. इस खबर में हम बैठक के प्रमुख बिंदुओं, दावेदारों और भाजपा की रणनीति पर विस्तार से चर्चा करेंगे.
बैठक में क्या हुआ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, संगठन के कई वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रतिनिधि शामिल थे. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लिए नए प्रदेश अध्यक्षों के नामों पर भी चर्चा हुई. अगले दो-तीन दिनों में करीब आधा दर्जन राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा हो सकती है. इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 20 अप्रैल के बाद शुरू होने की संभावना है.
बैठक का मुख्य उद्देश्य एक ऐसे नेता का चयन करना था, जो न केवल संगठन को मजबूत करे, बल्कि विपक्ष के नैरेटिव को भी प्रभावी ढंग से जवाब दे सके. BJP का मानना है कि नया अध्यक्ष 2029 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसलिए, नेतृत्व चयन में सामाजिक समीकरण, संगठनात्मक अनुभव और वैचारिक समर्पण को प्राथमिकता दी जा रही है.
चुनाव में देरी की वजहें
BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी 2025 में होना था, लेकिन अप्रैल आधा बीत जाने के बावजूद यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी. इसके पीछे तीन प्रमुख कारण हैं. पहला, पार्टी विपक्ष के उस नैरेटिव को तोड़ना चाहती है, जिसमें यह दावा किया जाता है कि संगठन में कुछ वर्गों की आवाज दबाई जाती है. एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नया अध्यक्ष ऐसा होना चाहिए, जो सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करे और यह संदेश दे कि फैसले सर्वसम्मति से लिए गए हैं.
दूसरा, भाजपा अपनी नई टीम में महिलाओं को 33% तक प्रतिनिधित्व देना चाहती है. नए अध्यक्ष के चयन के बाद राष्ट्रीय परिषद, कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की योजना है. तीसरा, RSS चाहता है कि भाजपा और इसके सहयोगी संगठनों में विचारधारा के प्रति समर्पित युवाओं को मौका मिले. संघ का मानना है कि वैचारिक समर्पण ही नेतृत्व के चयन का एकमात्र मापदंड होना चाहिए.
राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए 8 दावेदार
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए 8 नेताओं के नाम चर्चा में हैं, जिनमें अनुभवी संगठनकर्ता, पूर्व मुख्यमंत्री और प्रभावशाली महिला नेता शामिल हैं. इन दावेदारों की सूची इस प्रकार है:
शिवराज सिंह चौहान: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं. छह बार लोकसभा सांसद और चार बार मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज की लाडली बहना योजना ने मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 13 साल की उम्र से आरएसएस से जुड़े शिवराज ओबीसी समुदाय से आते हैं और संगठन में उनकी मजबूत पकड़ है.
सुनील बंसल: सुनील बंसल को उत्तर प्रदेश में भाजपा का ‘चाणक्य’ कहा जाता है. 2014 और 2017 के चुनावों में उनकी रणनीति ने पार्टी को बड़ी सफलता दिलाई. ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में भी उनके संगठनात्मक कौशल की सराहना हुई. आरएसएस के साथ उनकी नजदीकी उन्हें मजबूत दावेदार बनाती है.
धर्मेंद्र प्रधान: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा से हैं, जहां भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. 40 साल के राजनीतिक अनुभव और ओबीसी समुदाय से होने के कारण वे सामाजिक समीकरण के लिए उपयुक्त हैं. उनकी संगठनात्मक क्षमता और मोदी-शाह की नजदीकी उनकी दावेदारी को मजबूत करती है.
रघुवर दास: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पांच साल तक स्थिर शासन दिया. ओबीसी समुदाय से आने वाले दास की पूर्वोत्तर में भाजपा के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. उनकी जमीनी पकड़ उनकी ताकत है.
स्मृति ईरानी: पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पार्टी की मजबूत महिला चेहरा हैं. हिंदी बेल्ट और दक्षिण भारत में उनकी प्रभावी उपस्थिति और आरएसएस के साथ अच्छे संबंध उन्हें दावेदार बनाते हैं.
वानति श्रीनिवासन: भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानति श्रीनिवासन तमिलनाडु में पार्टी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा चुकी हैं. उनके परिवार का आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद से गहरा नाता है.
तमिलिसाई सौंदर्यराजन: तमिलनाडु में भाजपा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तमिलिसाई सौंदर्यराजन 1999 से पार्टी से जुड़ी हैं. मोदी और शाह की करीबी होने के साथ-साथ उन्होंने तमिलनाडु में पार्टी के विस्तार में योगदान दिया है.
डी. पुरंदेश्वरी: आंध्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामाराव की बेटी हैं. उनकी दावेदारी से पार्टी को तेलुगु राज्यों में मजबूती मिल सकती है.
भविष्य की रणनीति
भाजपा का नया नेतृत्व न केवल संगठन को मजबूत करेगा, बल्कि 2029 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष को चुनौती देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. पार्टी सामाजिक समावेश, महिला नेतृत्व और वैचारिक समर्पण पर जोर दे रही है. अगले कुछ दिनों में होने वाली घोषणाएं भाजपा की भविष्य की दिशा को स्पष्ट करेंगी.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में है. पीएम आवास पर हुई इस बैठक ने दावेदारों और रणनीति को लेकर स्थिति स्पष्ट की है. शिवराज सिंह चौहान, सुनील बंसल और धर्मेंद्र प्रधान जैसे नामों के साथ-साथ महिला नेताओं की दावेदारी ने इस रेस को और रोचक बना दिया है. अगले एक हफ्ते में होने वाली घोषणा से यह तय होगा कि भाजपा का अगला नेतृत्व कौन संभालेगा और पार्टी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.
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-भारत एक्सप्रेस
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