पीएम मोदी मुसलमानों के साथ
Modi Mitra: आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी भाजपा ने अभी से शुरु कर दी है. इस बार बीजेपी मुस्लिम वोटबैंक को भी अपनी तरफ करने की फिराक में है. इसके लिए भाजपा ने विशेष योजना बनाई है. मुसलमानों को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा ‘मोदी मित्र’ बनाने का अभियान शुरू करने जा रही है.
भाजपा विपक्षी खेमे के वोट बैंक की सेंधमारी करने के लिए ‘मोदी मित्र’ के जरिए बड़ा अभियान चलाने जा रही है. जिन लोकसभा सीटों पर मुस्लिम समुदाय की बहुलता है, बीजेपी वहां ‘मोदी मित्र’ की शुरुआत करने जा रही है.
30 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले लोकसभा में शुरु होगी मोदी मित्र योजना
BJP देशभर में मुस्लिमों के साथ जनसंपर्क अभियान की शुरूआत करने जा रही है. पार्टी के साथ मुसलमानों को जोड़ने के लिए ‘गांव-गांव घर-घर’ चलो अभियान चलाने वाली है. पार्टी ने इसके लिए उन लोकसभा क्षेत्रों की पहचान कर ली है, जहां मुस्लिमों की जनसंख्या 30 प्रतिशत से अधिक है.
इन मुस्लिम बहुलता वाले लोकसभा सीटों पर 5 हजार ऐसे मुस्लिमों की पहचान की जाएगी जो भाजपा के लिए इनफ्लुएंसर्स की भूमिका निभा सकें. हालांकि ये लोग भाजपा के नहीं होंगे. बल्कि ये वे होंगे जिन्हें मोदी सरकार की वेलफेयर योजना का लाभ मिला है और वे पीएम के कामों से प्रभावित हैं.
लोकसभा की 80 सीटों पर मुस्लिम वोटरों का प्रभाव
जनसंख्या के लिहाज से देखा जाए तो देश की कुल आबादी में 14 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. इस लिहाज से मुसलमानों के वोट लोकसभा के कई सीटों को प्रभावित करते हैं. आंकड़ो के हिसाब से देखा जाए तो कुल 543 लोकसभा सीटों में से 80 सीटों पर मुस्लिम आबादी 20 प्रतिशत से भी अधिक है. वहीं 65 सीटें ऐसी हैं जिन पर यह आंकड़ा 30 फीसदी से ज्यादा है. बात करें पिछले लोकसभा चुनाव की तो बीजेपी ने 20 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाली 80 सीटों में से 58 सीटों पर कमल खिलाया था.
2014 के लोकसभा में जहां 23 मुस्लिम सांसदों ने जीत हासिल की थी, वहीं 2019 में 27 मुस्लिम सांसद लोकसभा पहुंचे थे. अब 2024 में बीजेपी ने अधिक आबादी वाले मुस्लिम बहुल सीटों पर कब्जा करने की रणनीति बनाई है.
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