केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. (फोटो: IANS/PIB)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आ गया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार 7वीं बार संसद में बजट पेश किया. ऐसा करने वाली वो देश की पहली वित्त मंत्री बन गईं है.
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मोरारजी देसाई ने साल 1959 से 1964 के बीच पांच पूर्ण बजट समेत एक अंतरिम बजट पेश किया था.
सबसे ज्यादा बजट भाषण का रिकॉर्ड
उनके नाम पर अब भी सबसे ज्यादा बजट भाषण पेश करने का रिकॉर्ड है. पूर्व वित्त मंत्री ने कुल 10 बजट भाषण दिए थे. मोरारजी देसाई के बाद पी. चिदंबरम ने 9 और प्रणब मुखर्जी ने 8 बार बजट पेश किया था.
मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के अधीन वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया था और फिर 1977 में भारत के प्रधानमंत्री बने थे.
2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी बार जीत के बाद सीतारमण को भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था. तब से उन्होंने सात बार लगातार बजट पेश किया है. इससे पहले उन्होंने इसी साल फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था. वो 47.65 लाख करोड़ रुपये का था.
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सबसे लंबा बजट भाषण
1 फरवरी को प्रस्तुत अंतरिम बजट में लोकसभा चुनावों के बाद नई सरकार बनने तक की अवधि के लिए वित्तीय आवश्यकताओं को संबोधित किया गया था, जिसके बाद नई सरकार द्वारा पूर्ण बजट पेश करने की उम्मीद थी.
बजट पर सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड भी निर्मला सीतारमण के ही नाम पर है. उन्होंने 1 फरवरी, 2020 को अब तक सबसे लंबा बजट भाषण दिया था, जो दो घंटे और 40 मिनट तक चला था.
निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 पेश करते हुए अपने भाषण में कहा कि लोगों को हमारी नीतियों पर भरोसा है. भारत का लोकतंत्र मजबूत है और देश में महंगाई दर नियंत्रण में है. भारत में महंगाई दर 4 फीसदी है और भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से तरक्की कर रही है.
जब बजट का परंपरागत समय बदल गया
जानकारी के अनुसार, इस केंद्रीय बजट का लक्ष्य विकसित भारत के लिए एक रोडमैप तैयार करना है. इसके तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अधिक आवंटन, टैक्स स्लैब में सुधार, नौकरी और कौशल सृजन और श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए उत्पादन वृद्धि शामिल है.
1999 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट प्रस्तुत करने का पारंपरिक समय शाम 5 बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया, जो आज भी जारी है.
-भारत एक्सप्रेस