सुप्रीम कोर्ट.
वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत रिटायर्ड स्थायी कैप्टनों को लेकर दिये गए आदेश का पालन नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि कोर्ट द्वारा लगाए गए जुर्माने की राशि 4 हफ्ते में जमा करें. कोर्ट 25 नवंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.
कोर्ट ने 5 लाख का लगाया जुर्माना
मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश ASG ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में सरकार द्वारा अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. जिसपर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम 10 लाख का जुर्माना लगा रहे है. इसपर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आप 5 लाख रुपए का भुगतान करें. कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर 14 नवंबर तक फैसला नहीं लिया जाता है तो वह रिटायर्ड स्थायी कैप्टनों की 10 फीसदी पेंशन बढ़ाने का निर्देश देंगे.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इस नीति में कोई संवैधानिक कमी नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा था कि नीति में पांच साल में पेंशन की समीक्षा का प्रावधान है. कोर्ट ने यह भी कहा था कि सरकार का वन रैंक वन पेंशन का फैसला मनमाना नहीं है और किसी संवैधानिक अशक्तता से ग्रस्त.नहीं है. कोर्ट ने कहा था कि वन रैंक वन पेंशन सरकार का नीतिगत निर्णय है और नीतिगत मामलों के निर्णय में अदालत हस्तक्षेप नही करता.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक केंद्र सरकार को 30 अप्रैल 2023 तक वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत योग्य पारिवारिक पेंशनरों और सशस्त्र बलों के वीरता विजेताओं को बकाया राशि देने को कहा गया था. कोर्ट ने इसी के साथ यह भी निर्देश दिया था कि 30 जून 2023 तक 70 वर्ष से अधिक के योग्य पेंशनरों को बकाया दिया जाना चाहिए. 11 लाख के लगभग बाकी लोगों को 3 बराबर किश्त में 30 अगस्त 2023, 30 नवंबर 2023 और 28 फरवरी 2024 तक भुगतान करने को कहा था.
-भारत एक्सप्रेस
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