केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर
राष्ट्रपति भवन की तरफ से जी-20 समिट के बाद आयोजित किए जाने वाले डिनर के निमंत्रण पत्र को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है. निमंत्रण पत्र पर प्रेसीडेंट ऑफ भारत लिखा होने से विपक्षी दलों ने विरोध शुरू कर दिया है. जिसको लेकर पूरे देश में इंडिया Vs भारत पर चर्चा हो रही है. विरोध और समर्थन का दौर जारी है. ऐसे में केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि सरकार कोई नाम बदलने नहीं जा रही है. ये सिर्फ एक अफवाह उड़ाई जा रही है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने निमंत्रण पत्र भेजा है
दरअसल, 8-10 सितंबर के बीच दिल्ली में जी20 समिट का आयोजन होने जा रहा है. जिसके लिए 9 सितंबर के लिए देश के गणमान्य लोगों को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने निमंत्रण पत्र भेजा है. जिसमें प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा हुआ है. इसी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि मोदी सरकार इंडिया दैट इज भारत जो संविधान में लिखा गया है उसे खत्म करना चाहती है. इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने भी पीएम मोदी के इंडोनेशिया दौरे पर प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत लिख दिया.
केंद्रीय मंत्री ने नाम बदलने को बताया अफवाह
अब नाम बदलने की अफवाहों के बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बयान जारी किया है कि नाम बदलने की बातें सिर्फ कोरी अफवाह है. संसद के विशेष सत्र में सरकार ऐसा भी कुछ नहीं करने जा रही है. ये अफवाह कौन फैला रहा है और क्यों फैलाई जा रही है.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि “आखिर भारत शब्द से किसी को क्या दिक्कत है. ये उनकी मानसिकता को दिखाता है. उनके मन में भारत को लेकर विरोध है, शायद इसीलिए जब वह विदेश जाते हैं तो वहां पर भारत की आलोचना करते हैं. ”
भारत शब्द को लेकर विरोध क्यों ?
उन्होंने कहा, ‘आखिर भारत शब्द से किसी को क्या दिक्कत हो सकती है, आखिर भारत शब्द से किसी को क्या दिक्कत है. यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है, उनके मन में भारत को लेकर विरोध है, शायद इसलिए ही जब वह विदेश जाते हैं तो वह वहां पर भारत की आलोचना करते हैं.’
-भारत एक्सप्रेस
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